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टीम इंडिया : ये नया इंडिया है साहब। जो विरोधी की आंखों में आंखें डालकर उसको उसी की जुबां में जवाब देना जानता है

नई दिल्ली

विदेश में जाकर विरोधियों को दोनों इनिंग्स में आउट नहीं करने की कमजोरी अक्सर टीम इंडिया की असफलता का कारण बनती रही है। मगर ये नया इंडिया है साहब। जो विरोधी की आंखों में आंखें डालकर उसको उसी की जुबां में जवाब देना जानता है। हराना जानता है। फिर एक दिसंबर गुजर रहा है। नया साल आ रहा है, लेकिन गुजरते साल के आखिरी दिन टीम इंडिया ने 2021 में जो कमाल किया उस पर बात करना जरूरी है।

इस साल ‘SENA’ को दी शिकस्त

जो लोग क्रिकेट को करीब से देखते हैं, उनके लिए ये शब्द कोई नया नहीं है। दरअसल, क्रिकेट की चार महाशक्तियां हैं SENA यानी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया। कमाल देखिए कि टीम इंडिया ने इस साल इन चारों टीमों को करारी शिकस्त दी।

शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से की, जहां कंगारुओं को उनके घर में घुसकर हराया। इंग्लैंड जाकर भी इतिहास रचा। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड को अपने घर में बच्चों की तरह हराकर बदला लिया तो अब साउथ अफ्रीका में जाकर पहली बार सेंचुरियन में फतह हासिल की।

शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से हुई

ब्रिस्बेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर टीम इंडिया ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। चार मैच की इस श्रृंखला के पहले मुकाबले में 36 रन पर ऑलआउट होने के बावजूद भारतीय टीम के इस कमाल से गदगद बीसीसीआई ने पूरी टीम के लिए 5 करोड़ रुपये के बोनस का ऐलान किया था। यह लगातार दूसरा मौका था जब भारत ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीती हो।

इंग्लैंड में इतिहास रचने की दहलीज पर भारत

वैसे तो यह पांच मैच की टेस्ट सीरीज अभी खत्म नहीं हुई है, आखिरी टेस्ट होल्ड पर है, लेकिन इस साल अगस्त-सितंबर में खेली गई इस सीरीज में भारत ने कमाल का खेल दिखाया था। पहला टेस्ट ड्रॉ होने के बाद दूसरा मैच अपने नाम किया।

तीसरे मुकाबले में इंग्लैंड ने बाउंस बैक किया भारत को पारी से हराया, लेकिन इस हार के बाद भारत का पलटवार देखने लायक था। चौथे टेस्ट को 149 रन के बड़े अंतर से हराकर सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन कोरोना के मामलों के चलते टीम इंडिया ने पांचवां टेस्ट खेलने से इनकार कर दिया। फिलहाल इस सीरीज का फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कोहली एंड कंपनी का यह प्रदर्शन अंग्रेज सदियों याद रखेंगे।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड से बदला

जून में साउथैम्पटन का मैदान पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का गवाह बना था। आखिरी दिन तक दोनों ही टीमें मुकाबले में बराबरी पर खड़ी थी, लेकिन केन विलियमसन और रॉस टेलर की जोड़ी ने भारत के सपने को चकनाचूर कर दिया। इस हार का बदला भारत ने अपने घर पर कीवियों से लिया, जब दो मैच की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया। कानपुर में ड्रॉ हुआ टेस्ट भी भारत के ही कब्जे में था।

ऐसा पहली बार हुआ है

टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम के फास्ट और स्पिन बोलर्स ने एक साल में सौ-सौ से अधिक विकेट लिए और वह भी 30 से कम के औसत से। इस साल भारत के पेस बोलर्स ने स्पिनर्स से अधिक सफलताएं अर्जित कीं।

साल 2021 में खेले गए टेस्ट मैचों में भारतीय फास्ट बोलर्स ने 28.12 के औसत से 128 विकेट लिए जबकि स्पिनर्स ने 20.19 के औसत से 121 विकेट झटके। गौर करने वाली बात है कि विदेशी धरती पर ज्यादातर सफलताएं पेस बोलर्स के बूते मिलीं।

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