केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स और सेस (Petrol-Diesel Tax) के रूप में 6.58 लाख करोड़ रुपये एकत्रित किए

नई दिल्ली
पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel Price) की आसमान छूती कीमतों से तो आप वाकिफ हैं ही। क्या आपको पता है कि सरकार इस पर कितना टैक्स वसूल रही है? नहीं जानते हैं तो जान लें कि पिछले साल केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स और सेस (Petrol-Diesel Tax) के रूप में 6.58 लाख करोड़ रुपये एकत्रित किए। इसमें से केंद्र की हिस्सेदारी 4.55 लाख करोड़ रुपये तो राज्यों की हिस्सेदारी 2.02 लाख करोड़ रुपये रही।
पेट्रोलियम मंत्री ने बताया
केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बीते सोमवार को संसद में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स और सेस के रूप में कुल 4,55,069 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन उत्पादों पर राज्य सरकारों ने इसी अवधि में बिक्री कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) के रूप में कुल 2,02,937 करोड़ रुपये एकत्र किए।
सबसे ज्यादा झोली भरी महाराष्ट्र ने
रामेश्वर तेली ने बताया कि राज्यों में, महाराष्ट्र ने सभी पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर और वैट के रूप में अधिकतम राशि वसूली। आलोच्य अवधि के दौरान महाराष्ट्र ने 25,430 करोड़ रुपये एकत्र किए। इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान रहा। उस राज्य ने पिछले साल 21,956 रुपये की राशि जमा की। इसके बाद तमिलनाडु का स्थान रहा। पिछले वर्ष उसने इस मद में 17,063 रुपये एकत्र किए।
पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतें
यूं तो केंद्र सरकार ने बीते 3 नवंबर को पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कमी है। इसके बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस बीच कई राज्य सरकारों ने भी इन ईंधनों पर वैट कम किया है। तब भी आज दिल्ली में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में घटी है कीमतें
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घट रही हैं। अमेरिका में कल कारोबार की समाप्ति के अवसर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 68.61 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 71.52 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था।
भारत की आयात पर निर्भरता
भारत अपनी खपत का करीब 85 फीसदी कच्चा तेल और 55 फीसदी नेचुरल गैस आयात करता हैं भारत ने वर्ष 2020-21 के दौरान कच्चे तेल के आयात पर 62.71 अरब डॉलर खर्च किए थे।