गाजियाबाद
ऑनलाइन ठगी (Cyber Crime) के शिकार होने पर शिकायत के नाम पर दोबारा आप ठगी (Cyber) के शिकार हो सकते हैं. हो सकता है, पहले आपसे कम ठगी हुई हो लेकिन दोबारा ज्यादा बड़ी ठगी हो जाए, गाजियाबाद (Ghaziabad) में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें ऑनलाइन ठगी का शिकार होने पर साइबर क्रिमिनल्स ने दोबारा ठग लिया. गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस संबंध में साइबर एक्सपर्ट बता रहे हैं कि ठगी के शिकार लोग शिकायत कैसे करें और क्या सावधानी रखें.
गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार के अनुसार राजनगर में रहने वाली एक महिला के पास फोन आया. फोन पर कॉलर ने खुद को महिला के पिता का दोस्त बताकर तीस हजार रुपये महिला के खाते में देने की बात कही और बातों में उलझा लिया. फिर बताया कि गलती से 30 हजार भेज दिया है, जबकि 20 हजार रुपये भेजने थे, तुम 10 हजार रुपये वापस भेज दो. बातों में उलझाकर दस हजार रुपये ले लिए.
पुलिस के अनुसार ठगी का अहसास होने पर पीड़िता ने गूगल से कस्टमर केयर नंबर निकालकर शिकायत की. दूसरी ओर से स्वयं को पेटीएम कस्टमर केयर सेंटर का कर्मचारी बताया. महिला ने अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी. तो कॉलर ने रुपये वापस लेने के लिए फोन में एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा. उसने एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर फोन हैक कर लिया. इसके बाद उसने बैंक खाते से महिला के खाते से 49999 रुपये निकाल लिए. इसकी शिकायत साइबर क्राइम ब्रांच में करने के बाद थाना कविनगर में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़ित ने बताया कि उसने एसएसपी से भी घटना की शिकायत की है. एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम टीम मामले की जांच कर रही है.
साइबर एक्सपर्ट रीतेश भाटिया ने बताया कि साइबर फ्रॉड करने के लिए लोग नामी कंपनियों से मिलते जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट बनवा लेते हैं, जिससे फर्जी वेबसाइट गूगल पर लिस्टिंग होने लगती है. लोगों द्वारा गूगल पर सर्च करने पर वह ऊपर आने लगती हैं. तो लोग बिना जांचें ही उन्हें सही मान लेते हैं. ठगी का शिकार होने के बाद लोगों को गूगल से कस्टर केयर का नंबर नहीं निकालें, बल्कि बैंक से संपर्क कर वहां से ही कस्टमर केयर का नंबर लेकर शिकायत करना चाहिए.