रेशम वर्मा कि रिपोर्ट
भाजपा सांसद प्रतिनिधि मंजू लता टंडन ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार की धान खरीदी नीति किसान के लिए पीड़ा का सबब बन गया है सरकार की पिछले वर्ष की धान खरीदी नीति के चलते बरदाना की समस्या आई बरदाना आपूर्ति में सरकार असफल रही किसानों ने आंदोलन और रोष प्रकट भी किया था सरकार को अपनी विफलता से सीख लेकर इस वर्ष के लिए बरदाना की व्यवस्था पहले से कर लेना था मंजू लता टंडन ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा छत्तीसगढ़ सरकार कुर्सी दौड़ के चक्कर में इतनी व्यस्त हुई कि किसानों की सुध ही लेना भूल गई बालोद जिले के पीपरछेड़ी में जो घटना हुई वहां बेहद ही दुखद है छत्तीसगढ़ के किसानों बुजुर्गों बहनों और माताओं को टोकन के लिए लाइन लगाना भीड़ उमडना विलंब से धान खरीदने का नतीजा है जख्मी अन्नदाताओ से सरकार को माफी मांगनी चाहिए किसानों को व्यवस्था देने में और बरदाना उपलब्ध कराने में सरकार पूर्ण रूप से विफल है कहीं-कहीं बरदाना की कालाबाजारी भी शुरू हो चुका है जहां 3 गुने दामों में बरदाना बेचा जा रहा है जो छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के लिए गरीबी में आटा गीला होने के समान है मंजू लता टंडन ने यह भी मांग की है कि सरकार 25 प्रतिशत किसानों से बरदाना ना मांगे क्योंकि किसानों का किसी भी बरदाना बनाने वाले कंपनी से कोई संबंध नहीं है और उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में इससे पहले 15 साल भाजपा की सरकार थी तब किसानों को इस तरह की कोई दिक्कत नहीं होती थी बरदाना भी किसानों को 100 प्रतिशत मिलता था और टोकन के लिए भी कोई लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ती थी और किसानों को उनके मेहनत की राशि समय पर प्राप्त होती थी