गोरखपुर. समाजवादी विजय यात्रा’ के तीसरे चरण की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर से करेंगे.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव शनिवार को गोरखपुर और कुशीनगर के दौरे पर रहेंगे और हवाई अड्डे पर उतरकर गोरखपुर में अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे.
वहीं अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में एक समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) के शामिल होने से आज सियासी पारा चढ़ेगा. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जहां पर इन दलों सफलता नहीं मिली थीं वहां पर पूरी ताकत लगाने की तैयारी है. इसी कड़ी में आज भाजपा जहां आजमगढ़ में जाकर अपनी ताकत दिखाएगी तो वहीं सपा गोरखपुर में आकर अपने मजबूत होने का अहसास कराएगी.
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की लहर पर सवार यूपी ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया था. भाजपा के संगठन के हिसाब से बंटे सभी क्षेत्रों में उसे अप्रत्याशित सफलता मिली थी. गोरखपुर क्षेत्र (बस्ती, गोरखपुर और आजमगढ़ मंडल) की 62 विधानसभा सीटों में से भाजपा और उसके सहयोगियों को 46 सीटे मिली थी. पर इसी क्षेत्र की आजमगढ़ जिले में भाजपा चारों खाने चित्त हो गयी थी. आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीटों में पांच पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था, बसपा के खाते में 4 सीटें गयीं थी 1 सीट जीतकर भाजपा ने अपना खाता खोला था. आजमगढ़ जिले की दो लोकसभा सीटें 2019 के चुनाव में भाजपा को दोनों में हार मिली थी. आजमगढ़ हमेशा से सपा का मजबूत गढ़ रहा है
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट भाजपा ने जीती थी. इसी समीकरण के ध्यान में रखते हुए अब भाजपा अपनी पूरी ताकत वहां झोंकने जा रही है. गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 नवम्बर को आजमगढ़ में विकास की कई सौगात देंगे साथ ही राज्य विश्वविद्यालय की नीव भी रखेंगे और वहीं से सपा को घेरने की कोशिश करेंगे. मौजूदा समय में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी भाजपा के उसके मजबूत गढ़ में घेरने की तैयारी में जुट गयी है.
13 नवंबर को ही मुख्यमंत्री योगी गढ़ गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी विजय रथ यात्रा निकालने जा रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का यहां पर खाता तक नहीं खुला था. गोरखपुर की 9 विधानसभा सीटों में से 8 पर भाजपा ने कब्जा जमाया था, जबकि 1 सीट बसपा के खाते में गयी थी. वहीं अगर कुशीनगर की बात करें तो यहां की 7 विधानसभा सीटों में से 6 पर भाजपा ने कब्जा जमाया था और 1 सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी. यहां भी सपा का खाता नहीं खुला था. जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां पर सपा को 3 बसपा को 1 कांग्रेस 2 और भाजपा के एक सीट मिली थी.