Business

केंद्र सरकार ने आयात शुल्क किया कम ,खाद्य तेल की कीमतें गिरने से मिलेगी राहत

नई  दिल्ली ; केंद्र सरकार ने कच्चे तेल से आयात कर हटाने के आदेश दिए गए हैं  इससे तेल की कीमतें गिरेंगी इस फेस्टिव सीजन में महंगाई की मार ने त्यौहारों की रौनक को फीका कर दिया था पेट्रोल डीजल से लेकर गैस तक और खाने से लेकर सब्जियों तक सब कुछ महंगा होता जा रहा है। खाना पकाने के तेल में सरसों के तेल की कीमत भी 200 रुपये प्रति लीटर है, जिससे लोगों का खाना पकाने का बजट बढ़ रहा है। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को कुकिंग ऑयल इंपोर्ट टैक्स घटाकर कुछ राहत दी है। 
 उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर आयात शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसके बाद खाद्य तेल की कीमतों में कमी आएगी और करोड़ों उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा । केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने दो अलग-अलग आदेशों में बेसिक कस्टम ड्यूटी और विशिष्ट खाद्य तेलों पर कृषि और बुनियादी ढांचा विकास उपकर घटा दिया है। इसके अलावा क्रूड पाल तेल, सोयाबीन तेल और क्रूड सनफ्लावर तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया है, जो कि 2.5 फीसदी थी। इससे अब उम्मीद है कि तेल की कीमतों में एक बड़ी गिरावट आएगी। CBIC की तरफ से दी गई आधिकारिक सूचना के मुताबिक, बेसिक शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से लागू होगी।  वहीं एग्रीकल्चर सेस को 20 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। इस कटौती से क्रूड पाम ऑयल की कीमतों में सीधा कमी आएगी। वहीं कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल दोनों पर कृषि उपकर 20% से घटाकर 5% कर दिया गया है। सभी परिवर्तन गुरुवार से मार्च 2022 के अंत तक प्रभावी रहेंगे। इसके अलावा, खाद्य ग्रेड सोयाबीन तेल, खाद्य ग्रेड सूरजमुखी तेल, परिष्कृत ब्लीचड डियोडोराइज्ड (आरबीडी) पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम स्टीयरिन और कच्चे पाम तेल के अलावा किसी भी पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क 32.5% से घटाकर 17.5% कर दिया गया है।
यह कदम तब उठाया गया है जब सरकार ने जमाखोरी को रोकने और कीमतों में नरमी के लिए रविवार को खाद्य तेलों और तिलहनों पर मार्च के अंत तक स्टॉक सीमा लागू कर दी थी। सरकार ने 8 अक्टूबर से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर सरसों के तेल और तिलहन पर वायदा कारोबार को भी निलंबित कर दिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button