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लोकल माल कम होने से और खपत तेजी से बढ़ने की वजह से सब्जी की कीमतों रूलाया

गरीब की थाली मे नमक रोटी के दिन आ गये खाद्य तेल, दाल और अब सब्जियों ने भी रंग दिखाना शुरू कर दिया है त्योहारी सीजन में पहले से खाद्य तेलों का उबाल झेल रहे आमजन के सामने अब बढ़ी सब्जियों ने मुश्किलें पैदा कर दी हैं। हाल यह है कि मात्र सात दिनों के भीतर सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं।लोकल माल कम होने और बारिश से बाहरी मंडियों से आमद कम होने पर सब्जियों के दाम फिर से चढ़ने लगे हैं।बढ़ी कीमतों से बैंगलूरू से आने वाले टमाटर की रंगत और सुर्ख हो गई है वहीं नासिक से पहुंचने वाले प्याज की आवक में कमी ने लोगों की आंखों में अभी से आंसू लाना शुरू कर दिया है। कई प्रमुख सब्जियां दोगुने दाम पर बिक रही हैं। कारोबारियों का मानना है टमाटर और प्याज की कीमतें अभी और चढ़ने के आसार हैं। वजह त्योहारी सीजन और सहालग के कारण बढ़ने वाली खपत होगी।
सब्जी पहले अब
टमाटर 30 60
प्याज 20 40
आलू पुराना 20 20
आलू नया 35 40
भिंडी 30 40
लौकी 15 30
तरोई 15 30
धनिया 60 100
सेम 60 120
शिमला मिर्च 50 100
थोक मंडी का हालः दुबग्गा और सीतापुर रोड स्थित नवीन मंडी में टमाटर की जो 25 किलो की रैक पहले 500 से 550 थी अब उसकी कीमत बढ़कर 700 से 800 रुपये हो गई है। वहीं 20 से 22 रुपये किलो वाला प्याज 30 रुपये प्रति किलो तक थोक मंडी में पहुंच गया है।
बैंगलूरु से आने वाले टमाटर और नासिक से आने वाले प्याज की आमद काफी कम हो गई है। मंडी को बैलेंस करने वाला देशी टमाटर अब खत्म हो गया है। लोकल माल कम होने से और खपत तेजी से बढ़ने की वजह से कीमतों में तेजी आई है। बारिश का असर गैर प्रांत से आने वाले माल पर ज्यादा पड़ रहा है। सभी तरह की सब्जियों पर असर दिख रहा है। -शाहनवाज हुसैन, महामंत्री फल एवं व्यापारी समिति दुबग्गा
टमाटर और प्याज आदि कुछ आइटम तेज हुए हैं लेकिन जल्द ही बाहर से आने वाले माल की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी और स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। कीमतों का यह उछाल ज्यादा दिन नहीं रहने वाला है।

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