गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप ‘सबको बिजली हरदम बिजली’ के लक्ष्य पर दिन-रात कार्य कर रहे अभियन्ता दूसरे दिन भी एक घण्टे का कार्य बहिष्कार करने हेतु हुए विवश प्रबन्धन की हठधर्मिता के कारण अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं का नहीं हो रहा है निराकरण प्रदेश को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने हेतु सरकारी क्षेत्र के विद्युत उत्पादन गृहों में कोयला संकट दूर कर पूर्ण क्षमता पर इकाईयां चलाने की मुख्यमंत्री से अपील आज दूसरे दिन भी सायं 04 बजे से 05 बजे एक घण्टे का कार्य बहिष्कार कर की गयी पूरे प्रदेश में विरोध सभायें बिजली इंजीनियरों की समस्याओं के समाधान एवं ऊर्जा निगमों में टकराव टालने हेतु ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील बिजली अभियन्ताओं की काफी समय से लम्बित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में बिजली अभियंताओं के ध्यानाकर्षण एवं शान्तिपूर्ण आन्दोलन के क्रम में आज दूसरे दिन भी सायं 04 बजे से 05 बजे तक का एक घण्टे का कार्य बहिष्कार कर प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों, परियोजनाओं सहित राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर विरोध सभायें की गयी। कल दिनांक 08 अक्टूबर को भी सायं 04 बजे से एक घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभायें की जायेंगी। अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि सभी बिजली अभियन्ता बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने एवं राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लॉस कम करके आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने तथा मा0 मुख्यमंत्री के ‘सबको बिजली हरदम बिजली’ देने के संकल्प को मूर्त रूप देने में 24ग्7 जी-जान से जुटे हुए हैं। परन्तु खेद का विषय है कि कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा वितरण क्षेत्रों में ओ0 एण्ड एम0 बजट विगत 02 वर्षों से शून्य किये जाने से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह सुनिश्चित करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पारेषण में भी ओ एण्ड एम बजट आधा एवं अन्य कार्यों हेतु भी बजट लगभग नगण्य कर दिया गया है। वितरण व पारेषण क्षेत्रों एवं विद्युत उत्पादन गृहों पर आवश्यक सामग्री एवं कोयला व मैन, मनी, मेटीरियल उपलब्ध न किये जाने से अभियन्ताओं को जहां एक ओर काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर उनकी लम्बित समस्याओं के समाधान न होने से एवं लगातार हो रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह ने बताया कि ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के अनियोजन एवं कोल कम्पनियों को पैसे के भुगतान न किये जाने के कारण उत्पादन निगम की कई विद्युत उत्पादन इकाईयां जो कम क्षमता पर चलाई जा रही हैं वो भी आने वाले कुछ दिनों में पूरी तरह बन्द होने के कगार पर है। इस प्रकार अगले सप्ताह में उत्पादन निगम, जो प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली देता है, की सभी विद्युत उत्पादन इकाईयां ठप्प होने वाली हैं जो कि ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन की कुप्रबन्धन का उदाहरण है। मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र के माध्यम से आगामी त्योहारों के दृष्टिगत प्रदेश की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति कराने हेतु सरकारी क्षेत्र के विद्युत उत्पादन गृहों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है, जिससे प्रदेश को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सके और मंहगी बिजली न खरीदनी पड़े।अभियन्ताओं को पदोन्नति से वंचित किये जाने के क्रम में पदोन्नति नियमों में रातों-रात प्रतिगामी परिवर्तन कर दिये गये हैं जिन्हें आजतक सार्वजनिक नहीं किया गया है। साथ ही विगत 01 वर्ष से अधिक समय से लम्बित समस्याओं के प्रति प्रबन्धन द्वारा उपेक्षात्मक रवैय्या अपनाते हुए समस्याओं का कोई ठोस निराकरण नहीं किया गया है। इन सबसे सभी बिजली अभियन्ता चिन्तित एवं आक्रोशित है तथा उनके मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जिससे उनकी कार्यक्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आन्दोलन के इस चरण में कल 8 अक्टूबर को भी सायं 04 बजे से 05 बजे तक 01 घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभाये की जायेंगी। 11 अक्टूबर से अपराह्न 03 बजे से सायं 05 बजे तक दो घण्टे का कार्यबहिष्कार कर विरोध सभायें की जायेंगी।
अभियन्ताओं की प्रमुख मांगे :- 1. सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन किया जाये
2. पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें 3. सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये 4. उत्पादन निगम में 2008 ई0एण्डएम0 बैच व 2011 सिविल बैच की अतिशीघ्र पदोन्नतियां की जायें 5. दिनांक 06 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफ0आई0आर0 वापस ली जाये 6. वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये 7. निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाय 8. पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जायें 9. ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें 10. सहायक अभियंताओं का नियुक्ति ग्रेड पे 6600 किया जाय तथा तृतीय ए सी पी पर ग्रेड 11000 का वेतनमान देने सहित अन्य वेतन विसंगतियां दूर की जाए, 11. इंजीनियर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। 12. उत्पादन निगम में लम्बित उत्पादन प्रोत्साहन भत्ते का शीघ्र भुगतान किया जाये। अभियन्ता संघ ने अभियंताओं की लंबित ज्वलंत समस्याओं के निराकरण के लिए मा०ऊर्जा मंत्री जी और मा० मुख्यमंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।