नई दिल्ली: चीन के साथ बढ़ती सभी देशों की तल्खियों के बीच अमेरिका ने भारत की जमीन से एक अहम संदेश दिया है। भारत की यात्रा पर आई अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने कहा कि अगर अमेरिका या उसके मित्र देशों के हितों पर आंच आती है तो अमेरिका चीन का मुकाबला करने को तैयार है।इस क्रम में उन्होंने भारत को एक अहम साझेदार और वैश्विक व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहयोगी के तौर पर चिह्नित किया। शरमन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं।उन्होंने भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से बातचीत की। इसमें सभी द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बात हुई है। दोनों देशों के बीच चीन के साथ ही अफगानिस्तान व पाकिस्तान के मुद्दे पर भी बात हुई। क्वाड भी चर्चा का विषय रहा। शरमन अमेरिका और चीन के बीच होने वाली वार्ता के साथ ही पाकिस्तान के साथ भी बात कर रही हैं।
भारत के दौरे के बाद वह इस्लामाबाद जाएंगी। संभवत: यही वजह है कि बातचीत में श्रृंगला ने अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठाया और यह भी बताया कि किस तरह से पाकिस्तान तालिबान के जरिये अपने हित साधने की कोशिश कर रहा है। देर शाम अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल की एक बैठक को संबोधित करते हुए शरमन ने कहा कि भारत और अमेरिका चीन के साथ समान व्यवहार वाला रिश्ता चाहते हैं।
हम चीन के साथ जहां जरूरत होगी, वहां प्रतिस्पर्धा करेंगे और जहां जरूरत होगी वहां सहयोग भी करेंगे। जहां हमें आवश्यकता महसूस होगी कि हमारे या हमारे साझेदारों के हितों का नुकसान हो रहा है या वैश्विक व्यवस्था में कानून का उल्लंघन हो रहा है, वहां चीन को चुनौती भी देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में भारत और अमेरिका एक जैसा ही सोचते हैं। भारत और अमेरिका सिर्फ दक्षिण एशिया में ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के बाहर भी शांति, सुरक्षा व स्थायित्व के लिए काम करते रहेंगे।