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होम लोन पर लिया गया मकान 5 वर्ष के अंदर बेचना आपके लिए नुकसान दे

नई दिल्‍ली. टैक्स की बचत और  कम करने के  कुछ नियम कानून व्यवस्था निर्धारित कर आप फायदा उठा सकते हैं 
 पुरानी कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी आयकरदाता की सालाना आय अगर 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो वह आयकर (Income Tax) के दायरे में आता है. हालांकि, रिबेट बेनिफिट के जरिये 5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो सकती है.
आयकर कानून व्यक्तिगत करदाता और कंपनियों को कई तरह से टैक्स छूट की सहूलियत देता है. इनमें होम लोन  के जरिये आप कई धाराओं के तहत टैक्स बचत  कर सकते हैं. होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट का रीपेमेंट करने पर आयकर कानून की धारा-80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट के लिए दावा किया जा सकता है. हालांकि, इसमें एक शर्त भी जुड़ी हुई है, जिसके तहत आप होम लोन पर लिया गया मकान अगर 5 साल के अंदर बेच देते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ेगा.
घर या फ्लैट खरीदना सिर्फ एक बड़ा निवेश नहीं है, बल्कि इनकम टैक्स के हिसाब से भी अहम है. पुराना घर बेचने और नया घर खरीदने के बीच ज्यादा समय जहां आपकी टैक्स देनदारी में इजाफा कर सकता है. वहीं नया घर खरीदने के बाद उसे तुरंत बेच देना भी आपकी टैक्स देनदारी बढ़ा सकता है. होम लोन के जरिये टैक्‍स बचत का पूरा लाभ  लेने के लिए प्रॉपर्टी का निर्माण कर्ज लेने वाले वित्त वर्ष के खत्‍म होने से 5 साल के भीतर पूरा होना भी जरूरी होता है. वहीं, अगर प्रॉपर्टी को 5 साल के अंदर ट्रांसफर या बेचा जाता है तो क्लेम किए गए टैक्स डिडक्शन  को बिक्री के साल में आपकी इनकम में जोड़ा जाएगा. फिर आपके मौजूदा टैक्स स्लैब के मुताबिक इनकम टैक्स लगाया जाएगा. आसान शब्‍दों में समझें तो 5 साल के भीतर प्रॉपर्टी बेचने पर आपको टैक्‍स छूट का लाभ नहीं मिल पाता है और देनदारी बढ़ जाती है.
घर खरीदने के लिए होम लोन की ईएमआई पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है. ईएमआई में जो मूलधन का हिस्सा (स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क शामिल) होता है, उस पर 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. होम लोन पर ब्याज को निर्माण पूरा होने के पहले का ब्याज और निर्माण पूरा होने के बाद का ब्याज जैसी दो कैटेगरी में रखा गया है. निर्माण पूरा होने के बाद भुगतान किए गए ब्याज के लिए धारा-24b के तहत 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है. यह छूट घर का निर्माण पूरा होने के साल से क्लेम की जा सकती है.
हालांकि, ज्‍यादातर लोग निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के लिए होम लेन लेते हैं. काम पूरा होने के बाद उन्‍हें उसका पजेशन मिलता है. लेकिन, होम लोन का भुगतान लोन लेने के तुरंत बाद शुरू हो जाता है. ऐसे लोगों के लिए धारा-24b के तहत निर्माण पूरा होने से पहले 5 साल तक के ब्याज पर 5 साल तक टैक्स छूट मिल सकती है. अगर कोई खरीदार अफोर्डेबल हाउसिंग कैटेगरी के तहत घर खरीद रहा है तो वह 3.5 लाख रुपये तक का डिडक्‍शन क्‍लेम कर सकता है.
अब अगर आपने खरीदारी वाले वित्‍त वर्ष के खत्‍म होने के 5 साल के भीतर घर बेचा या ट्रांसफर किया तो होम लोन के पुनर्भुगतान पर धारा-80C तहत लिए गए सभी फायदे रिवर्स हो जाएंगे और प्रॉपर्टी की बिक्री वाले साल में टैक्‍सेबल इनकम बना जाएंगे. आसान शब्‍दों में समझें तो मकान बिक्री के साल आपकी टैक्‍स देनदारी बढ़ जाएगी. हालांकि, होम लोन के ब्‍याज पर किए गए टैक्‍स बेनिफिट्स क्‍लेम्‍स को रिवर्स करने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में अगर आपने धारा-24(b) के तहत लिए गए टैक्‍स बेनिफिट्स रिवर्स नहीं होंगे

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