अपने एक सहयोगी द्वारा कथित तौर पर यौन हमले का सामना करने वाली 28 वर्षीय वायुसेना (Indian Airforce) की एक महिला अधिकारी का दावा है कि उसे सदमे से गुजरना पड़ा है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने कथित तौर पर ‘टू-फिंगर टेस्ट’ (Two-Finger Test) कराने के मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है और वायुसेना प्रमुख से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.
आयोग ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग बहुत निराश है और भारतीय वायुसेना के चिकित्सकों की ओर से प्रतिबंधित टू-फिंगर टेस्ट कराने के कदम की कड़ी भर्त्सना करता है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और साथ ही, निजता और महिला के गरिमामयी जीवन जीने के अधिकार का भी हनन है.’’
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने वायुसेना प्रमुख को पत्र लिखकर इस मामले में जरूरी कदम उठाने और वायुसेना के डॉक्टरों को सरकार और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से टू-फिंगर टेस्ट के संदर्भ में तय दिशानिर्देशों के बारे में जरूरी ज्ञान दिए जाने के लिए कहा है. महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पिछले सप्ताह एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया गया था.
महिला अधिकारी ने लगाए थे गंभीर आरोप
इससे पहले भारतीय वायुसेना अधिकारी ने बलात्कार की पुष्टि करने के लिए उसके साथ अवैध टू-फिंगर टेस्ट करने और उसके प्रति खराब रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया था. महिला अधिकारी का कहना था कि सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ की गई है. दरअसल, बीते दिनों तमिलनाडु से एयरफोर्स की महिला अधिकारी के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था. महिला अधिकारी ने साथी लेफ्टिनेंट पर रेप करने का आरोप लगाया था.
तमिलनाडु पुलिस द्वारा 20 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के अनुसार महिला अधिकारी ने कहा कि तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के वायु सेना प्रशासनिक कॉलेज में परिसर में उसके साथ बलात्कार किया गया था. उसने यह भी कहा कि कॉलेज के अधिकारियों ने उससे कहा कि अगर वह टखने की चोट (जो कथित अपराध से घंटों पहले झेली थी) का दर्द सह सकती है, तो वह परिसर में अपने बलात्कारी को देखने के दर्द से भी निपट सकती है. हालांकि, IAF ने आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस स्तर पर कोई टिप्पणी नहीं देना चाहते क्योंकि मामला विचाराधीन है.’