वृद्धों के लिए अतिरिक्त टैक्स में छूट,जानिए क्या क्या है लाभ

बेहद लोकप्रिय कटौती विकल्पों को छोड़ दिया जाए तो, सीनियर सिटिजन के लिए कई ऐसे अतिरिक्त विकल्प हैं, जिनसे वो अनजान हैं. आइए जानते हैं कि नियम कायदे अनुसार वो किन मदों में टैक्स बचा सकते हैं?नई टैक्स व्यवस्था में व्यक्तियों को उनकी आयु के अनुसार वर्गीकृत नहीं किया गया है. नतीजतन, पुरानी टैक्स व्यवस्था में कई ऐसे प्रावधान हैं जिनके तहत सीनियर सिटिजन टैक्स में छूट हासिल कर सकते हैं. पुरानी टैक्स व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिक को मिलने वाली ब्याज आय पर विभिन्न छूट, कटौती मिल जाती है.
60 साल से लेकर 80 साल तक के सीनियर सिटिजन की 3 लाख रुपए तक की कमाई और सुपर सीनियर सिटिजन की 5 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं बनता है. इसकी तुलना में, 60 साल से कम आयु के व्यक्तियों की टैक्स की आय सीमा 2.5 लाख रुपये हैसेक्शन 208 के तहत, कोई भी व्यक्ति जिसकी टैक्स देनदारी 10 हजार रुपए से ज्यादा है, वो एडवांस में टैक्स जमा करा सकते हैं. सेक्शन 307 के तहत एक सीनियर सिटिजन नागरिक को एडवांस टैक्स करने से छूट मिल जाती है. इसलिए, सीनियर सिटिजन जो किसी व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित नहीं करता है, उसे एडवांस टैक्स का भुगतान करने से छूट प्राप्त है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTB के तहत, बैंकों, डाकघरों और सहकारी बैंकों में जमा राशि पर कमाई गई ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है.
टैक्स कटौती सीनियर सिटिजन द्वारा मिली अधिकतम 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर लागू है. इस नियम के तहत सेविंग्स और फिक्स्ड डिपॉजिट दोनों पर कमाई गई ब्याज कटौती योग्य है. इसके अतिरिक्त, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194ए के तहत, किसी बैंक, डाकघर या सहकारी बैंक द्वारा सीनियर सिटिजन को किए गए 50,000 तक के ब्याज भुगतान पर स्रोत पर कोई टैक्स (टीडीएस) नहीं काटा जाता है.
सीनियर सिटिजन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसियों पर भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए 50,000 रुपये तक की छूट का क्लेम कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80DDB किसी व्यक्ति या आश्रित द्वारा विशिष्ट डिसऑर्डर के इलाज के लिए किए गए खर्चों के लिए टैक्स कटौती की अनुमति देता है. सीनियर सिटिजन को अधिकतम 1 लाख रुपए तक की छूट मिल जाती है.जब सुपर सीनियर सिटीजन की बात आती है, तो वे अपने आईटीआर को ऑफलाइन, यानी फॉर्म 1 या 4 का उपयोग करके पेपर मोड में जमा कर सकते हैं.उनके पास ई-फिलिंग की भी सुविधा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 से आगे बढ़ते हुए, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194P 75 साल की आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट देने की शर्तें प्रदान करती है, बशर्ते वे कुछ शर्तों को पूरा करते हों. नया सेक्शन 1 अप्रैल, 2021 से लागू होगा.