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सरकारी कार्यालयों में काम समय पर न करने वालों पर कसा शिकंजा,जा सकती है नौकरी

सरकारी कार्यालयों में लेटलतीफी बन सकती है जान का जोखिम अगर किया काम में देरी तो चली जाएगी नौकरी, हमेशा देखा जाता है कि सरकारी कार्यालयों और दफ्तरों से आम जनता त्रस्त ही रहती है सरकारी विभागों में कर्मचारी कोई काम समय पर नहीं करते हैं जिसकी वजह से आम जनता को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और बार-बार विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं परंतु अब ऐसा नहीं होगा इसके एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है जानिए पूरा मामला!
सरकारी कामों में अक्सर लेट लतीफ के मामले आपने सुने होंगे. इसके खिलाफ हरियाणा के राइट-टू-सर्विस कमीशन (RTSC) के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता (T.C Gupta) एक्शन मोड में हैं. उन्होंने बताया कि राइट-टू-सर्विस एक्ट (Right-to-Service) के तहत नोटिफाइड सर्विसेज तय समय में नहीं देने वाले लगभग 250 अधिकारियों व कर्मचारियों को आयोग ने नोटिस भेजा है.
मुख्य आयुक्त ने कहा कि आयोग की बैठकें आयोजित करने से लोगों में धीरे-धीरे राइट-टू-सर्विस एक्ट के प्रति जागरूकता आ रही है, ऐसे ही जब सेवाएं प्रदान करने में देरी करने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा, तो इससे सरकारी विभागों की स्थिति में सुधार होगा और आम जनता को राहत मिलेगी. ये बातें उन्होंने गुरुवार को सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में जिले के प्रशासिक अधिकारियों के सहित प्रतिष्ठित लोगों से कहीं.राइट-टू-सर्विस कमीशन के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने कहा कि आम जनता के सभी काम समय से पूरे हों और वे लोग सरकारी कामों से संतुष्ट हों, यही आयोग का उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं राइट-टू-सर्विस एक्ट में नोटिफाइड हैं. हर एक सर्विस के लिए टाइम लिमिट निर्धारित की गई है. तय की गई टाइम लिमिट में ही सरकारी विभाग के अधिकारी सभी सर्विस जनता को मुहैया कराएंगे. अब सरकारी कामों में लेट-लतीफ नहीं होगी. इस दौरान अधिकारी जनता के काम टालेंगे नहीं बल्कि उनको संतुष्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा और नीयत बिल्कुल साफ है कि सभी लोगों को समयबद्ध तरीके से सभी सेवाएं उपलब्ध हों.
राइट-टू-सर्विस कमीशन के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने कहा कि आम जनता के सभी काम समय से पूरे हों और वे लोग सरकारी कामों से संतुष्ट हों, यही आयोग का उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं राइट-टू-सर्विस एक्ट में नोटिफाइड हैं. हर एक सर्विस के लिए टाइम लिमिट निर्धारित की गई है. तय की गई टाइम लिमिट में ही सरकारी विभाग के अधिकारी सभी सर्विस जनता को मुहैया कराएंगे. अब सरकारी कामों में लेट-लतीफ नहीं होगी. इस दौरान अधिकारी जनता के काम टालेंगे नहीं बल्कि उनको संतुष्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा और नीयत बिल्कुल साफ है कि सभी लोगों को समयबद्ध तरीके से सभी सेवाएं उपलब्ध हों.
इस दौरान अधिकारियों से बात करते हुए मुख्य आयुक्त ने कहा कि सरकारी कामों में देरी करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ये जुर्माना संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को अपनी सैलरी से भरेगा. अगर किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन बार से ज्यादा जुर्माना लगता है तो आयोग उसको सस्पेंड करने की सिफारिश उसके विभाग से करेगा. इसके अलावा सरकारी सुविधाओं में देरी होने पर आयोग पीड़ित आवेदक को 5 हजार रुपये तक का मुआवजा दे सकता है.