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पिछले दो दशकों से अपनी सेवाएं देती आ रही फोर्ड, अब भारत को कहने जा रही अलविदा

गाड़ियों की बात की जाए तो ऐसी जाने कितनी गाड़ियां हैं जो मार्केट में मौजूद है लेकिन इनमें कुछ ऐसी शान की सवारियां हैं जो दशकों से अपनी सेवाएं लोगों तक पहुंचा रही हैं उन्हीं में से एक कंपनी फोर्ड की है जो काफी लंबे अरसे से मार्केट की शोभा बनी हुई है कहां जाता है फोर्ड कंपनी ने जब शुरुआत की तो ये एक मामूली साइकिल के रूप में थी।

जैसे जैसे समय बीतता गया, इस कंपनी ने भी बहुत तरक्की की ,उन्नति के पथ पर अग्रसर इस कंपनी ने 2 विश्व युद्ध झेले है लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि अमेरिका की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड बहुत जल्द भारत से जाने वाली है बताया जा रहा है कि बोर्ड को लंबे समय से भारतीय बाजार से अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा है जिसके बाद कंपनी ने भारत से अपने दोनों मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के प्रोडक्शन बंद करने का फैसला किया है।
बताते चलें कि Ford ने कुछ समय से कोई नया सेगमेंट बाजार में नहीं उठा रहा है भारत से बाहर जा रही कंपनी का इतिहास सवा 100 साल पुराना है।
आइए जानते हैं फोर्ड का इतिहास कितना पुराना है और किस तरह से इस कंपनी ने अपना इतना विशाल कारोबार खड़ा किया है और मजे की बात तो यह है कि यह एक ही परिवार का हिस्सा बनी कंपनी इतने सालों से खड़ी है।
आज रेसिंग कार्स लेकर कई तरह की गाड़ियां बनाने वाली फोर्ड ने एक तरह की साइकिल से अपनी यात्रा शुरू की थी अब कई देशों से अपनी गाड़ी बेच रहा है फोन के मालिक हेनरी फोर्ड ने सबसे पहले चार पहिए वाली एक खास तरह की साइकिल से इसकी शुरुआत 1896में की थी. इस चार पहिया साइकिल में होर्सपावर का इंजन लगा हुआ था. एक स्टीयरिंग व्हील के बजाय, क्वाड्रिसाइकिल में एक टिलर था. साथ ही गियरबॉक्स में केवल दो फॉरवर्ड गियर थे, जिनमें कोई रिवर्स गियर नहीं था. इसके बाद फोर्ड ने 26 होर्सपॉवर के स्वीपस्टेक्स को डिज़ाइन किया था, जिसने रेस में जीत दर्ज की थी. इसके बाद से फोर्ड की चर्चा होने लगी.
फिर साल 1903 में फोर्ड ने औपचारिक शुरुआत की थी. इस दौरान कंपनी में 12 इनवेस्टर्स थे और 1000 शेयर के साथ कंपनी खड़ी हुई. कंपनी ने मॉडल ए की बिक्री के साथ शुरुआत की और पहले साल में ही कंपनी को 1903 में 37 हजार डॉलर का फायदा हुआ, जो वाकई हैरान कर देने वाला था. इसके बाद कंपनी ने 1927 में मॉडल टी नाम की कार बनाई, जो लोगों को काफी पसंद आई. उस दौरान कंपनी ने 15 मिलियन गाड़ियां बेच दीं, जिसे दुनिया की सबसे फेमस कार माना जाने लगा और यह बेस्ट सेलिंग कार बनी. इसके बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती गई.
फोर्ड को सबसे पुरानी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक गिना जाता है. कंपनी ने दो विश्व युद्ध भी देख लिए और इस विपरीत परिस्थिति में भी कंपनी ने अपना काम जारी रखा. अब इसका कारोबार काफी जगह फैल चुका है. खास बात ये है कि कंपनी को करीब 125 साल हो गए हैं, लेकिन कंपनी की कमान एक परिवार के पास ही है. आज भी कंपनी के प्रमुख हेनरी फोर्ड के परिवार से ही जुड़े हैं और इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी मानी जाती है, जिसका संचालन एक ही परिवार करता आ रहा है.

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