झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने को लेकर भाजपा जिला ने विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो का पुतला दहन किया गया

शेखर की रिपोर्ट
झारखंड प्रदेश भाजपा द्वारा आहूत कार्यक्रम के तहत झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा में नवाज के लिए कमरा आवंटित किया गया जिसका विरोध बोकारो जिला भाजपा करती है। विशेष समुदाय के प्रति लगाव कही न कही अन्य धर्मों के आस्था के प्रति खिलवाड़ किया गया। देश मे अन्य राज्यों मैं भी विधानसभा में इस प्रकार से कमरा आवंटित नही किया गया। आज इसके विरोध मे बोकारो जिला भाजपा द्वारा नया मोड़ पर विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो का पुतला दहन किया गया।इस कार्यक्रम का नेतृत्व जिला उपाध्यक्ष कमलेश राय ने की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हेमन्त सरकार की नीति कही न कही किसी धर्म विशेष पर महत्व।राज्य मैं धर्मांतरण के मामले दिन प्रतिदिन अधिक हो रहे।प्रलोभन देकर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन की जा रही सरकार जिला प्रशासन को खबर फिर भी करवाई नही की जा रही।
बोकारो जिला अध्यक्ष भरत यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही। अन्य धर्मों के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष को कमरा आवंटित किया जाय ताकि सभी पूजा अर्चना कर सके।
बोकारो जिला भाजपा द्वारा झारखंड सरकार के कई ऐसे कई कार्य पर सवाल उठाया ।
झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने केलिये कमरे के आवंटन पर प्रतिक्रिया हेमंत सरकार राज्य में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा कर रही है।विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है,लोकतंत्र का मंदिर है जिसे हेमंत सरकार तुष्टिकरण का केंद्र बना रही। राज्य सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय में नमाज पढ़ने हेतु कमरे को आवंटित किया है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक निर्णय है। विधानसभा अध्यक्ष अपनी संवैधानिक निर्णयों को लेने में असफल है। 19 महीनों के बाद भी भाजपा विधायकदल के नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नही दे रहे।प्रत्येक सत्र में बाबूलाल मरांडी जी को वक्तव्य देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा,अपमानित किया जा रहा। और यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा।राज्य सरकार भी अपने वायदों को पूरा करने में पूरी करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
अपनी विफलताओं को छिपाने केलिये हेमंत सरकार तुष्टिकरण से भरे निर्णय लगातार ले रही।
इसके और अनेक उदाहरण है। यह सरकार नियोजन नीति में हिंदी और संस्कृत भाषा को हटाती है परंतु उर्दू को जोड़ती है। कोरोना काल मे डॉक्टर्स को वेतन नही देती लेकिन उर्दू शिक्षकों का वेतन देती है। कोविड फेज 1 में राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम द्वारा कोविड प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए बसों में बैठाकर समुदाय विशेष के लोगों को रांची से बाहर भेजा गया । इसमे अनेक बांग्लादेशी भी शामिल थे।
राजधानी के मुहल्ला विशेष में कोरोना वोलेंटियर्स पर हमला करने वालों पर कोई कार्रवाई नही हुई। राज्य के एक दिवंगत मंत्री के जनाजे में शामिल लोगों पर कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन की कोई कार्रवाई नही हुई परंतु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक नेताओं पर किसानों के मुद्दे पर धरना देने पर मुकदमे दर्ज किए गए। यह सरकार दुर्गा पूजा में मूर्ति को छोटा करने का आदेश जारी करती है।देश भर में हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल, मंदिर खोले जा रहे लेकिन झारखंड सरकार अभी तक बंद रखी है। आज प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का तांडव हो रहा लेकिन यह सरकार कोई कार्रवाई नही कर रही। जबकि रघुवर सरकार में इसके लिये कठोर कानून बनाये थे।
इस पुतला दहन कार्यक्रम से मुख्यरूप से पूर्व जिलाध्यक्ष रोहितलाल सिंह,लीला देवी,अशोक कुमार पप्पू,,विनय आनंद,विश्वनाथ दत्ता,महेंद्र राय,नीरज कुमार, धीरज झा,बीरभद्र सिंह,ऋतुरानी सिंह, अर्चना सिंह, प्रगति शंकर,कुमार अमित,मुकेश राय, ए के वर्मा,अनिल सिंह,मनोज सिंह,विनय किशोर,टिंकू तापड़िया,पन्नालाल कन्दू,पियुष आचार्या