बसें तो हटाई गईं लेकिन टिकट काउंटर चालू

संगीता की रिपोर्ट
झारखंड:स्टेशन रोड बस पड़ाव से बसें तो हटा दी गईं लेकिन शेड में टिकट काउंटर चालू है। एजेंट सभी गंतव्य स्थल के लिए बसों का टिकट काट रहे हैं। कुछ को बस स्टैंड भेजा जा रहा है तो कुछ को ऑटो से केंदुआ भेज कर वहां बस में चढ़ाया जा रहा है। वहीं रंगाटांड़ में कुछ बस मालिकों व एजेंटों की मिलीभगत से छोटी बसें अवैध रूप से चलाई जा रही हैं। शुक्रवार और शनिवार को यहां से गिरिडीह, जामताड़ा सहित अन्य जगहों के लिए यात्रियों को बैठा कर दिन भर बसें रवाना की गईं। इस पर बरटांड बस स्टैंड के बस मालिकों ने भी आपत्ति जताई है।शनिवार को अन्य दिनों की तरह ही पिकआवर में गया पुल के समीप जाम लग गया। भले ही इस रास्ते से बसों का परिचालन न हो रहा हो लेकिन गया पुल अंडरपास की जर्जर सड़क में वाहनों के पहिए थम गए और एक बार फिर से यह जाम का सबब बना। ऑटो के आतंक से पैदल चलना भी मुश्किल शनिवार को दिन के 10.30 बजे स्टेशन रोड की स्थिति यह थी कि वहां ऑटो के आतंक की वजह से पैदल चलना भी दुश्वार था। स्टेशन रोड से लेकर श्रमिक चौक तक पूरी सड़क पर चार-चार ऑटो बीच सड़क पर ही यात्रियों को चढ़ा रहे थे। सड़क पर एक साथ इतने ऑटो होने की वजह से कार और बाइक तो क्या, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। दरअसल स्टेशन रोड से बस पड़ाव हटाने के बाद यात्रियों को बरटांड़ बस स्टैंड पहुंचाने के लिए ऑटो चालकों में होड़ मची थी। जैसे ही कोई ट्रेन आती उतरने वाले यात्रियों को अपने ऑटो में बैठाने के लिए मारामारी हो गई। इतनी अव्यवस्था के बावजूद वहां न तो कोई ट्रैफिक पुलिस और न ही स्थानीय थाने की पुलिस नजर आई। शहर को जाम से मुक्त करने के जिस मकसद से बसों व भारी वाहनों के रूट परिवर्तित किए गए, वह कारगर सिद्ध होता नहीं दिख रहा है। शनिवार को स्टेशन रोड से लेकर श्रमिक चौक तक ऑटो का आतंक, श्रमिक चौक और गया पुल पर लगने वाला जाम इस बात की ही दस्तक दे रहा है।