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पेट्रोनेट की नजर कम जोखिम और ज्यादा मार्जिन के लिए पेट्रोरसायन कारोबार पर

New Delhi: भारत के सबसे बड़े तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) आयातक पेट्रोनेट ने गैस के कारोबार में होने वाले जोखिम को कम करने और अपने कारोबार के विस्तार के लिए एक नई योजना बनाई है। जिसके तहत पेट्रोनेट एलएनजी कारोबार के अतिरिक्त पेट्रोरसायन कारोबार में भी उतरने की तैयारी में है। इस तरह पेट्रोनेट ऊंचे मार्जिन वाले पेट्रोरसायन कारोबार से होने वाले फायदे से अपने गैस के कारोबार में होने वाले जोखिम को कम कर सकेगा।

पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा- पेट्रोनेट के दहेज और केरल के कोच्चि में प्राकृतिक गैस आयात करने के टर्मिनल हैं। कंपनी इसके साथ ही अब ओडिशा के गोपालपुर बंदरगाह में एक तैरने वाला समुद्री टर्मिनल बनाने की योजना बना रही है। कपूर पेट्रोलियम सचिव के साथ ही पेट्रोनेट एलएनजी के चेयरमैन भी हैं। कंपनी की ताजा सालाना रिपोर्ट में कपूर ने कहा कि कंपनी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को व्यापक बनाना चाहती है और उसमें बड़ा विविधीकरण लाने जा रही है।

कंपनी दहेज टर्मिनल में एथेन..प्रोपेन आयात सुविधा विकसित करने की संभावनाओं को भी तलाश रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोनेट दहेज टर्मिनल में आयातित प्रोपेन पर आधारित एक पेट्रोरसायन परिसर भी स्थापित करने की योजना बना रही है। हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित पेट्रोरसायन परिसर के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया। पेट्रोरसायन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल होता है और इसमें प्लास्टिक के लिये कच्चा माल, पैकेजिंग सामग्री और व्यक्तिगत देखभाल के उत्पाद तैयार होते हैं। पेट्रोनेट एलएनजी में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन, गेल इंडिया और ओएनजीसी की कुल मिलाकर 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चारों कंपनियां पेट्रोनेट के बोर्ड में शामिल है और पेटोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव इसके प्रमुख हैं।

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