नन्हे मुन्ने बच्चे जन्माष्टमी के दिन राधा और कृष्णा बन बोले राधे-राधे

शेखर की रिपोर्ट
जन्माष्टमी का त्योहार इस साल भी शहरों में फीका दिखा आपको बताते जाएगी पिछले डेढ़ साल से कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इस साल भी जन्माष्टमी शहर में नहीं मनाई गई और न ही मेला लगा हालांकि कुछ मंदिरों में जन्माष्टमी की पूजा होते हुए देखा गया मगर वहा भी भीड़ नहीं थी। तो वहीं घरों पर अपने-अपने जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जहां एक तरफ जन्माष्टमी का उत्सव हो और वैसे में छोटे बच्चे मैं एक्साइटमेंट और असाइनमेंट ना हो यह हो नहीं सकता क्योंकि इस दिन हर कोई अपने बच्चे को कृष्ण के रूप में देखना चाहता है लोग बच्चों को कान्हा की ड्रेस मुकुट ज्वेलरी पहनाकर और हाथों में बांसुरी देकर उन्हें कृष्णा बना देते हैं आज वही कोऑपरेटिव कॉलोनी की त्रिवेणी कालीबारी मंदिर में जन्माष्टमी का पूजा महोत्सव में कुछ नन्हे-मुन्ने छोटे बच्चे राधा-कृष्ण बने हुए दिखे लोगों ने बच्चे को देखते ही कहा कि साक्षात श्री कृष्ण जमी पर उतर आए हैं ऐसा लग रहा था कि बाकी में श्रीकृष्ण जमीन पर आ गए हैं सभी लोग ने बच्चों का सेल्फी लेने लगे और बोले राधे राधे इसे देखकर लोगों में काफी उत्साह दिखा और वही मंदिर के पुजारी भी देखकर चकित रह गए। उन्होंने यह देखकर कहा कि इतने छोटे बालक कृष्ण के रूप में धरती पर विराजमान हुए। इससे अच्छा सुंदर दृश्य और कही नही हो सकता।