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दिखने लगे नए – पुराने चहरे चास मे राजनीती जोरो पर नगर निगम में खेला होवे कहां चास के लोग

शेखर की रिपोर्ट

 चास नगर निगम के मेयर का पद जैसे ही झारखण्ड सरकार ने महिला के लिए आरक्षित की, तुरंत मैदान में कुछ ऐसे चेहरे दिखने लगे जिसे इससे पहले  समाजसेवी या राजनीतिक चहरे के रूप में शायद ही किसी ने देखा था | वैसे सत्य यह भी है कि जो चहरे नए है उनके पीछे उनका दमदार पुत्र,पति, पिता या कोई अन्य रिश्तेदार खड़ा है |आपको बताते जाए कि मेयर पद के चुनाव के लिए जहां एक तरफ पुरुष अपनी एड़ी चोटी एक कर दी थी तो वही अब पुरुष अपनी मेहनत,ताकत और जनाधार के बल पर  मजबूरन ही सही अपनी पत्नी,माँ, बेटी या बहन को मेयर के पद पर बैठाने के लिए कमर कस चुके है | इस कार्य पर अलग – अलग विचार रखें लेकिन इतना तो सबको पता है कि भारतीय राजनीति में विरासत का चलन पुराना और असरदार है | सो, पूर्व मेयर भोलू पासवान की माँ शनिचरी देवी, बिनोद खोपड़ी उर्फ़ बिनोद कुमार की पत्नी संजू देवी, राजू महतो की पत्नी  सुनीता कुमारी और अब्दुल वाहिद खान की बेटी जेबा तरन्नुम को हम हल्क़े में नहीं ले सकते है | इन लोगों ने सार्वजानिक तौर पर इनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है | गंगा देवी भालोटिया | वही  चास नगर पर्षद की अध्यक्ष रह चुकी है और लोगों ने उनके कार्यकाल को देखा भी है |मेयर बने भोलू पासवान  के कार्यकाल को भी लोगों ने देखा है और चुनाव में उसकी भी समीक्षा होगी |ऐसे में  अचानक से कांग्रेस नेत्री डॉक्टर परिंदा सिंह का मेयर पद का नाम आते  ही चांस में खालबाली सी मच गई है नाम  सामने आ जाने से लोगों का कहना है कि  मेयर का चुनाव में चुनाव नहीं बल्कि खेला होबे। अब चास नगर निगम में भी सुनने को मिल रहा है आपको बताते जाएगी कांग्रेस नेत्री dr परिंदा सिंह ने मेयर पद के लिए नाम घोषित कर दिया है वही लोगों का कहना है कि उनके आने से  मेयर चुनाव का रुख पूरी तरह से बदल जाएगा क्योंकि 
पुरुष वर्ग में मेयर के चुनाव में जहां विनोद कुमार महापौर भोलू पासवान और परिंदा सिंह जैसे दिग्गज लोगों का नाम सामने आ रहा था तो अब महिलाओं वर्ग में परिंदा सिंह शनिचरी देवी संजू देवी गंगा भालोतिया जैसे कई महिलाएं टक्कर सीधे परिंदा सिंह से होगा अब ऐसे में देखना है कि महापौर का कुर्सी  कौन सी महिला उस कुर्सी के हकदार हैं।एक सवाल यह भी है कि क्या चुनाव दलीय होगा ? अभी तक सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है सो पुरानी  व्यवस्था जारी है | अगर दलीय होगा तो पार्टी से जुड़े लोगों के लिए दिक्क्त होगी | जैसे भाजपा अगर प्रगति शंकर, रीतू  रानी सिंह या किसी और को टिकट देती है तो अन्य का चुनाव लड़ना तभी संभव होगा जब वे पार्टी के खिलाफ जाने को तैयार होगी | वही सभी लोग यह भी जानते हैं कि गंगा देवी से लेकर भोलू पासवान, राजू महतो, बिनोद खोपड़ी, वाहिद खान और अन्य सभी भाजपा, कांग्रेस आदि पार्टियों से टिकट लेने की जुगत में लगे हुए है लेकिन साथ ही यह सत्य भी है कि टिकट मिले या न मिले इनका लड़ना तो तय है |

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