गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबादविवाह हो या निकाह, शानदार लिबास पहनना, खुद को बेहद खूबसूरत दिखाना हर दूल्हे का सपना होता है। किंतु कुदरत के आगे किसी का जोर नहीं चलता। कुछ ऐसा ही वाकया बाढ़ के पानी से घिरे गांव पंखिया नगला में देखने को मिला। बाढ़ की वजह से बगैर पैंट और सेहरे के दूल्हा घर से निकला। बराती भी आधे कपड़ों में बाढ़ के पानी के बीच दूसरे गांव तक पैदल गए। वहां दूल्हे को पैंट व सेहरा पहनाया गया फिर बरात उन्नाव के लिए रवाना हो गई।मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के गांव पंखिया नगला (पंखियन की मढ़ैया) निवासी यासीन खां ने बेटे मोहसिन का निकाह जनपद उन्नाव के शुक्लागंज में तय किया गया। काजी ने निकाह के लिए दो अगस्त सोमवार की तारीख तय की थी। पंखिया नगला गांव बाढ़ के पानी से घिरा है। एक किमी दूर तक दो-दो फीट पानी भरा है। सोमवार को मोहसिन की बरात निकली। बाढ़ के कारण उसे बहनोई शेरवानी और सेहरा पहनाने की रश्म भी अदा नहीं कर सके।दूल्हे ने पैंट हाथ में लेकर पैदल बाढ़ का पानी पार किया। बराती व परिजन भी इसी तरह बाढ़ के पानी में चलकर गांव बिलावलपुर तक पैदल गए। बिलावलपुर में दूल्हे को पैंट और सेहरा पहना गया। वहां तक सेहरा एक टोकरी में रखकर परिवार के लोग लेकर गए। इसके बाद बरात कारों से रवाना हुई।