अभिमन्यु शुक्ला की रिपोर्ट
इटावा जसवंतनगर क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे हजारों की संख्या में मरी हुई मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया। नदी में बढ़ते प्रदूषण जहरीली दवा अथवा जल स्तर बढ़ने के कारण यह हादसा होने की आशंका जताई गई है। बीहड़ी क्षेत्र के घुरहा जाखन गांव के कुछ लोग सुबह जब यमुना नदी किनारे गए तो अचानक बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां व उनके बच्चे देख हैरान रह गए। यमुना नदी में रोहू कतला शीतल सिंघाड़ा मल्ली जैसी 50 प्रजातियों की मछलियां यहां पाई जाती थीं। लेकिन काफी समय से यमुना नदी में विभिन्न शहरों के गंदे केमिकल वाले पानी छोड़े जाने से हुए प्रदूषित जल के कारण कुछ प्रजातियों की मछलियां ही अब शेष रह गई हैं। मछलियों के मरने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है, किंतु ग्रामीण मछलियों के अचानक बड़ी संख्या में मरने से भयभीत हैं। कोई कोरोना से मौत का अनुमान लगा रहा है, तो कोई प्रदूषित जल या फिर जहरीली दवाई डाल दिए जाने का कारण मान रहा है। यह भी माना जा रहा है कि मरी हुई मछलियां तिलापिया प्रजाति की हैं और पानी में सिल्ट की मात्रा बढ़ जाने के कारण ऑक्सीजन की कमी हुई होगी जिससे मर गईं हैं।अब यह जांच का विषय है कि इतनी बड़ी संख्या में मछलियों की मौत मौत कैसे हुई, यह भी माना जा रहा है कि ऑक्सीजन कम होने पर भी मछलियां मरने लगती हैं। हालांकि कछुए ऐसी स्थिति में भी बच जाते हैं बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की जानकारी संज्ञान में आई है। संबंधित विभाग को सूचित कर पॉल्यूशन और ऑक्सीजन की जांच कराई जाएगी।
जांच से ही यह पता चल सकेगा की मौत का कारण क्या है?