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जिले में अनुकूल वर्षा से कृषि कार्यो में आयी तेजी,धान की बोआई 92 प्रतिशत पूर्ण

जागेशवर प्रसाद वर्मा कि रिपोर्ट 

बलौदाबाजारजिले में 1जून 2021 से आज दिनांक तक लगभग 600 मिलीमीटर वर्षा के साथ कृषि कार्य में भी तेजी आ गई है।अब तक जिलें में 92 प्रतिशत धान की बोआई पूरी कर ली गयी है। इस संबध में जानकारी देतें हुए उपसंचालक कृषि सत राम पैकरा ने बताया कि जिलें में खरीफ फसलों धान का लक्ष्य क्षेत्र 2 लाख 30 हजार 800 हेक्टेयर है।
अरहर, उड़द सहित दलहनी फसलों का रकबा 7020 हेक्टेयर तथा तिलहन 159 हेक्टेयर एवं अन्य फसल 3970 हेक्टेयर है। जिसके विरूद्ध धान 2 लाख 14 हजार 279 हेक्टेयर जो कि लगभग 92 प्रतिशत,अरहर उड़द सहित दलहनी फसलों का रकबा 1827 हेक्टेयर 26 प्रतिशत, तथा तिलहन 761 हेक्टेयर प्रतिशत में 48 एवं अन्य फसल 2 हजार 451 हेक्टेयर लगभग 61 प्रतिशत में बोआई पूरी हो चुकी है। साथ ही जिला में धान रोपाई का कार्य 5546 हेक्टयर तथा व्यासी 249 हेक्टेयर में पूर्ण हो चुकी है। वर्तमान स्थिति में सभी तहसीलों में पर्याप्त मात्रा वर्षा होने से कार्य जोरो पर है। इसके साथ ही विभिन्न सहकारी समितियों एवं निजी संस्थाओं में रसायनिक खाद भण्डारण 70 हजार 258 मेट्रिक टन के विरूद्ध 59 हजार 122 मेट्रिन टन का उठाव हो चुका है। बीज का भण्डारण 43 हजार 799 क्विटल के विरूद्ध 40 हजार480 क्विटल का उठाव अभी तक हो चुका है।तथा वर्तमान स्थिति में जिला के सहकारी एवं निजी संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में बीज एवं खाद का गण्डारण है। किसान अपने आवश्यकता अनुसार बीज एवं खाद का उठाव कर सकते है। साथ ही कृषकों को सलाह दिया जाता है कि जिन खेतों में अधिक मात्रा में पानी के भराव हो गया है,तो जल्द से जल्द पानी निकासी की तत्काल व्यवस्था किसान भाई कर लेवें।
शीघ्र कराएं फसल बीमा,2 दिन शेष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए शासन द्वारा धान सिंचित के लिए 50 हजार 000 एवं धान असिंचित 38 हजार 500 बीमांकित राशि निर्धारित किया गया है। जिस हेतु कृषक को 2 प्रतिशत प्रीमियम दर भुगतान कर (ऋणी कृषकों का बीमा जिस बैंक से के.सी.सी. जारी किया जाता है, से किया जावेगा) एवं अऋणी कृषक बोआई प्रमाण पत्र के साथ किसी भी बैंक अथवा लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपने अधिसूचित फसल का बीमा 31 जुलाई 2021 तक करा सकते हैं। जिला के किसान भाईयो से अनुरोध है कि सभी अपने धान सिंचित एवं धान असिंचित फसल का बीमा कराये एव वर्षा की अनिश्चिचता एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानि से हुई क्षति की भरपाई फसल बीमा ते भरपाई करें। किसान अपने खेत की मेड़ पर अरहर,तिल अवश्य लगावें, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो सकता है।

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