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डोंगरा गांव में बन रहे हाई स्कूल में हो रहा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग

रेशम वर्मा कि रिपोर्ट 

बलौदाबाजार-शासन ग्रामीण इलाकों में शिक्षा स्तर सुधारने व व्यवस्थाएं जुटाने के लिए लाखों, करोड़ो रूपए खर्च करता है। लेकिन जमीनी स्तर पर इनका बहुत ज्यादा लाभ ग्रामीण छात्रों को नहीं मिल पाता है। ऐसा ही मामला बलौदाबाजार विकासखण्ड के ग्राम पंचायत डोंगरा का सामने आया है। जहंा 73 लाख रूपये की लागत से हाई स्कूल भवन का निर्माण काम कराया जा रहा है। लेकिन इस भवन के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। निर्माण की गुणवत्ता काफी घटिया होने की वजह से उक्त भवन का दीवार कभी गिर सकता है। एक सप्ताह पहले गुणवत्ताविहीन हाई स्कूल के निर्माण पर स्थानापन्न सरपंच, पंच और ग्रामीणों के द्वारा ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए, निर्माण काम बंद कराकर निर्माण कार्य की जांच की मांग स्थानापन्न सरपंच शिव वर्मा, भुपेन्द्र वैष्णव, हितेश वर्मा, तोरण वर्मा, भूपेन्द्र चेलक, मयाराम वर्मा, रामरतन निर्मलकर, सीताराम वर्मा, शंकर वर्मा, धन्नू वर्मा, चन्द्रभान टण्डन, कृष्णा वर्मा सहित अन्य ग्रामीणों के द्वारा गत दिवस कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर उक्त भवन निर्माण कार्य जांच की मांग किया गया। जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने बताया है कि लगभग 73 लाख रूपये की लागत से ग्राम डोंगरा में निर्माण किए जा रहे हाई स्कूल भवन निर्माण में कई काफी अनियमितताएं की जा रही है। इसके लिए डोंगरा के ग्रामीण लगातार आवाज उठा रहे है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के कान में जूंह तक नहीं रेंग रहे है। उक्त हाई स्कूल भवन निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग को बनाया गया है। ठेकेदार द्वारा हाई स्कूल भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जहंा ठेकेदार द्वारा छत का बिना छबाई किये ही दरार पड़े छतों की रिपेरिंग कर पोताई का काम कराया जा रहा है। नवनिर्मित हाई स्कूल भवन में जगह-जगह पर दरारें पड़ चूकी है। जिसको ठेकेदार द्वारा मरम्मत कर छिपाने के लिए पोताई करवाया जा रहा है। वही, टाईल्स को चार इंच की रेत के साथ हल्की सीमेंट का लेप लगाकर चिपकाया जा रहा है, इस प्रकार गुणवत्ता विहीन काम होने से उक्त हाई स्कूल भवन कभी भी धसककर गिर सकता है। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि हाई स्कूल भवन की गुणवत्ताहीन निर्माण से भविष्य में स्कूली बच्चों के लिए यह भवन खतरा बन सकता है। ग्रामीणें ने यह भी बताया कि हाई स्कूल भवन के ठेकेदार द्वारा न तो बोर्ड लगाया है और न ही गांव के किसी जनप्रतिनिधि को हाई स्कूल भवन निर्माण के बारे में कुछ बताया गया। ठेकेदार द्वारा मनमानी पूर्वक हाई स्कूल भवन का काम कराया जा रहा है। ठेकेदार अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए लगाये गए बोर्ड की पोताई कर फेंक दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को किसी प्रकार की जानकारी न पाये। हाई स्कूल भवन एक तरफ बन रही है तो दूसरी तरफ दरारे पड़ रही है, उसी दरारे पड़े छत की हल्की मरम्मत कार्य कराकर बगैर छबाई के ही पोताई का काम करा रहे है। इसके अलावा कमरों में टाईल्स लगाने के लिए 4 इंच तक रेत का इस्तेमाल कर सीमेन्ट की हल्की परत लेकर टाईल्स को चिपकाया जा रहा है। इस प्रकार के घटिया निर्माण उक्त हाई स्कूल भवन का हो रहा है। जिससे भविष्य में पड़ने वाले बच्चों के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणजन आक्रोश व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दिये थे। जिसके पश्चात उक्त हाई स्कूल भवन निर्माण की जांच के लिए कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया था। आक्राशित ग्रामीणों ने आगे कहा कि लोक निर्माण विभाग की अनदेखी व ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग कर लापरवाही पूर्वक हाई स्कूल भवन का निर्माण काम कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने लोकनिर्माण विभाग से मांग किया है कि ठेकेदार को फटकार लगाकर उक्त हाई स्कूल भवन की मरम्मत कार्य ठीक से कराये। मरम्मत के बगैर इस स्कूल भवन में बैठकर विद्यार्थियों को पढ़ाई करना अपने आप को जानबुझकर जान जोखिम डालने वाली बात होगी। दीवारें ढहने और जमीन धसकने से कभी भी अनहोनी घटना घटित हो सकती है।

क्या कहते है कलेक्टर साहब

मंगलवार के टीएल बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आयेंगे तो उससे पुछकर ही कुछ बता पाऊंगा। सुनील कुमार जैन, कलेक्टर जिला बलौदाबाजार

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