रेल प्रशासन द्वारा नियम के विरुद्ध गार्ड से ड्यूटी कराई जा रही है। कम समय की सूचना पर गार्ड को कभी भी ड्यूटी पर बुला लिया जाता है। इससे पांच सौ से अधिक गार्ड डेढ़ साल से परेशान हैं।
रेलवे में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए चालक और गार्ड के लिए प्रत्येक माह ड्यूटी चार्ट बनाया जाता है। जिसमें किस तारीख को कौन चालक व गार्ड किस ट्रेन को चलाएगा यह दर्ज होता है। चालक और गार्ड को ड्यूटी खत्म होने के 16 घंटे के बाद दूसरी ट्रेन चलाने के लिए बुलाने का नियम है। रेल प्रशासन ने पिछले साल से कोरोना संक्रमण के बाद गार्ड ड्यूटी चार्ट बनाना बंद कर दिया है। जबकि चालक का ड्यूटी चार्ट बनाया जा रहा है। कोरोना के समय कहा गया था कि ट्रेन कम चल रहीं हैं, इसलिए ड्यूटी चार्ट नहीं बनाया जाएगा। गार्ड को कम समय की सूचना देकर ड्यूटी पर बुला लिया जाता है। इससे गार्ड ठीक तरह से आराम नहीं कर पाते हैं।
परिवार के बीमार सदस्यों को इलाज कराने तक नहीं ले जा पाते हैं। नियम के अनुसार गार्ड की ड्यूटी नहीं लगाने को लेकर ड्यूटी लगाने वाले कर्मचारियों पर गंभीर आरोप की चर्चा है। जबकि कई बार गार्ड रेलवे अधिकारियों से मिलकर रेलवे के नियम के अनुसार ड्यूटी लगाने की मांग कर चुके हैं। नरमू के मंडल मंत्री राजेश कुमार चौबे ने बताया कि गार्ड व चालक की ड्यूटी लगाने को ट्रेनों का लिंक बनाने का नियम है।
जिससे चालक व गार्ड आराम करने के साथ घर का भी काम कर लेता है। पिछले डेढ़ साल से गार्ड की लिंक ट्रेन के आधार पर ड्यूटी नहीं कराई जा रही है। परेशान गार्ड की शिकायत के आधार पर कई बार रेलवे के अधिकारियों से वार्ता कर चुके हैं, उसके बाद भी नियमानुसार गार्ड की ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। लगाया जा रहा है। इस मामले को जीएम पीएनएम की बैठक में उठाया जाएगा।