बढ़ती बेरोजगारी कहीं पड़ न जाये योगी सरकार पे भारी

शशांक तिवारी कलम से
अगर हम उत्तर प्रदेश राज्य की बात करें आवादी के मामले में भारत का सबसे बड़ा राज्य और अगर बात करें रोजगार की तो यहां का नौजवान आज अपने आप को एक ठगा सा महसूस कर रहा है जब नौजवानों से हमने बात की तो छात्रों ने बताया कि अपने अभिवावकों से यह कह कर आये थे कि पिताजी मैं इलाहाबाद तैयारी करने जा रहा हूँ 3 से 6 महीने में किसी ना किसी सरकारी कार्यालय में आपका बेटा/बेटी नौकरी करते मिलेगा, कोचिंग चालू की हर महीने फीस,रूम का किराया,खाने का खर्चा देते देते पिताजी को 4 साल हो गए पर आज भी बेरोजगार है, क्योंकि कोई जॉब ही नही मिली अगर पहले तो भर्तियां निकलती नही और एक दो निकल भी आये तो अदालत में चली जाती है,जब प्रदेश में योगी की सरकार आयी थी तो लगा कि हां अब सही तरीके से काम होगा रोजगार मिलेगा पर उत्तर प्रदेश सरकार हर साल में 90 दिन में भर्तियां कराने की बात करता है अधिकारियों से मीटिंग होती है, पर कुछ दिन बाद ये बात ठंडे बस्ते में पड़ जाती है आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ये उस तैयारी करने वाले छात्रों के साथ क्यों हो रहा है जिन्होंने पूर्व में सपा सरकार के कारनामो से परेशान होकर उत्तर प्रदेश में भाजपा को लाने का ठाना था, आज उस युवा के साथ ऐसा क्यों है इस बारे में जब हमारी बात छात्रों से हुई तो वो रोते रोते कहते हैं कि घर वालो से पैसा मांगने में शर्म आने लगी है, आखिर क्या इन युवकों के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार कब सोचती हैं? ये तो समय बताएगा या इसका असर कहीं आने वाले 2022 के चुनाव में पड़ेगा या तब प्रदेश सरकार इन छात्रों को रोजगार प्रदान करेगी