वैक्सीनेशन से पहले और बाद में इन बातों का रखें ध्यान

भारत में अब तक 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल चुकी है। जिन लोगों को वैक्सीन की एक डोज मिल चुकी है, वह दूसरी डोज के इंतजार में हैं। हाल ही में सरकार ने दोनों डोज के बीच के अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है। टीकाकरण को लेकर हाल ही में जारी नई गाइडलाइंस के मुतबिक जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हो चुका है, उन्हें ठीक होने के करीब तीन महीने बाद ही टीकाकरण कराना चाहिए।
टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल अब भी हैं। इस लेख में हम विशेषज्ञ से जानेंगे कि वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हैं? इसके साथ ही क्या हर किसी को टीकाकरण कराने से पहले कोरोना की जांच कराना जरूरी है?
डॉ गुप्ता बताते हैं कि वैक्सीन सेंटर पर आपको कोविड के सभी नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। अच्छी तरह के या दो मास्क लगाकर जाएं, जिसमें नाक और मुंह पूरी तरह से ढके हों। वैक्सीन लगवाने के लिए नॉन कोविड अस्पतालों का चयन करें। भीड़-भाड़ वाले समय पर न जाएं और ध्यान रखें टीका लगवाने से पहले आपका पेट खाली नहीं होना चाहिए।
वैक्सीन लगवाने के बाद करीब आधे घंटे तक सेंटर में मौजूद ऑब्जर्वेशन एरिया में जरूर बैठें। यदि आपको इस दौरान किसी भी तरह के असामान्य लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत वहां मौजूद डॉक्टर से इस बारे में संपर्क करें। यदि आपको वैक्सीन की पहली डोज के बाद कोई बहुत गंभीर समस्या हुई हो तो फिलहाल दूसरी डोज न लगवाएं।
डॉ गुप्ता बताते हैं कि वैक्सीनेशन से पहले कोरोना की जांच कराना बिल्कुल जरूरी नहीं है। आपको कोरोना की जांच सिर्फ तभी करानी चाहिए जब शरीर में इसके कोई संभावित लक्षण नजर आ रहे हों। हां, यदि आप कोविड संक्रमित हैं तो फिलहाल वैक्सीनेशन नहीं करानी चाहिए। ऐसे लोगों को संक्रमण से ठीक होने के बाद तीन महीने का इंतजार करना चाहिए।
वैक्सीन लेने के बाद कई लोगों में इसके साइड-इफेक्ट्स के रूप में बुखार, थकान और कमजोरी महसूस होने की शिकायत देखी गई थी। डॉ गुप्ता कहते हैं कि वैसे तो यह समस्याएं एक से दो दिनों में स्वत: ठीक हो जाती हैं, फिर भी यदि आपको ज्यादा दिक्कत हो रही हो तो आप पैरासिटामॉल ले सकते हैं। ध्यान रहे, टीकाकरण के बाद कुछ दिनों तक किसी तरह की एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।