उत्तर प्रदेश में मनरेगा में श्रमिकों की संख्या बढ़कर 14 लाख के पार हो गई है। एक महीने में श्रमिकों की संख्या 2.49 लाख थी। कोरोना की दूसरी लहर में विभिन्न प्रदेशों में लॉकडाउन के चलते अपने गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए मनरेगा रोजगार का आधार बन रही है। प्रतिदिन 50 से 60 हजार नए श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है।
प्रदेश की 52,818 ग्राम पंचायतों में 14,08,615 श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं। 10 मई से 6 जून तक 448 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया है। ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन शुरू होते ही वहां से आने वाले प्रवासियों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश दिए थे।
उन्हें मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इनकी संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा। 10 मई को 17,980 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत केवल 2,49,428 श्रमिक काम कर रहे थे। वहीं छह जून को 52,818 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की संख्या 14,08,615 हो गई है। जो गांव कोरोना मुक्त हैं वहां मनरेगा की गतिविधियां और बढ़ाई जाएंगी।