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मेरे कुत्ते को भी आपकी फिल्म का ऑफर मंजूर नहीं

मुंबई। राज कुमार का जैसा नाम वैसा अंदाज, वे सच में एक राज कुमार की तहर ही जीते थे। नवाबी अंदाज, तहजीब और लहजे में बात करना उनके खून में था। राज कुमार ने कई हिट फिल्मों के साथ कई ऐसे डायलॉग दिए, जो आज भी लोगों की जुबां पर हैं। ‘जानी.. हम तुम्हें मारेंगे, और जरूर मारेंगे…लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक्त भी हमारा होगा’ ऐसे ही कई हिट डायलॉग देने वाले राज कुमार रियल लाइफ में भी शान से जीने वाले इंसान थे। आज हम जो किस्सा आपको बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आप इस बात का अंदाजा लगा लेंगे कि राज कुमार किस मिजाज के इंसान थे।

बात उन दिनों की है जब राज कुमार की कुछ फिल्में टिकट खिड़की पर औसत व्यवसाय कर पाई थी। लेकिन उनके मिजाज में जरा भी बदलाव नहीं आया था। एक दिन उनके दोस्त और निर्देशक रामानंद सागर उनसे मिलने उनके घर आए। रामानंद ने अभिनेता को एक फिल्म का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए उन्होंने साफ मना कर दिया था। इसके बाद आईं राज कुमार की कई फिल्में जैसे ‘इंसानियत का देवता’ और ‘पुलिस और मुजरिम’ भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी।

दरअसल, रामानंद सागर और राज कुमार के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी और अभिनेता रामानंद की ‘जिंदगी’ और ‘पैगाम’ जैसी फिल्मों में काम भी कर चुके थे। राज कुमार ने अपने घर में सागर की खातिरदारी की। इसके बाद रामानंद सागर ने राज कुमार से उनकी फिल्म ‘आंखें’ में लीड रोल साइन करने की बात कही। 

सागर ने राज कुमार से कहा कि मैं चाहता हूं कि तुम मेरी फिल्म ‘आंखें’ में लीड रोल करो और मैं इसके लिए तुम्हें दस लाख रुपये दूंगा। ये सबकुछ रामानंद घर से ही सोचकर आए थे। ये दोनों उस वक्त राज कुमार के सजे हुए ड्राइंगरूम में बैठे थे और अभिनेता उस वक्त सिगार पी रहे थे। सागर का प्रस्ताव सुनकर राज कुमार कुछ पल के लिए शांत रहे और कुछ सोचते रहे। निर्देशक भी आश्वस्त थे कि राज कुमार उनके दोस्त हैं और वे उन्हें इनकार नहीं करेंगे। कुछ पल शांत रहने के बाद राज कुमार ने ड्राइंगरूम के पास घूम रहे अपने कुत्ते को आवाज लगाई। कुत्ता राज कुमार के पैरों के पास आकर बैठ गया। 

उन्होंने उसी अंदाज में सिगार पीते हुए कुत्ते से कहा ‘जानी, तुम्हें क्या लगता है कि हमें सागर साहब का ऑफर स्वीकार करना चाहिए या नहीं।’ कुत्ता कुछ पल राज कुमार का मुंह ताकता रहा और फिर गर्दन हिला हिलाकर भौंकने लगा। सागर अचंभे में थे कि राज कुमार साहब कर क्या रहे हैं। कुत्ते के भौंकने के बाद राज कुमार सागर जी की तरफ मुखातिब हुए और कहा, ‘देखिए सागर जी, मेरे कुत्ते को भी आपका ऑफर मंजूर नहीं है, ऐसे में मेरे हां करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’
ये सुनकर सागर जी को बहुत अपमानित महसूस हुआ लेकिन वो करते भी क्या, राज कुमार अपनी बेबाकी के चलते पूरी इंडस्ट्री में मशहूर थे। वो बिना कुछ कहे अपना सा मुंह लेकर लौट आए। लौटने के तुरंत बाद उन्होंने पहला काम किया कि धर्मेंद्र को फिल्म के लिए साइन किया और फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी।

फिल्म ‘आंखें’ रिलीज हुई और ये सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म ने धर्मेंद्र को सुपरस्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। जाहिर तौर पर सागर ने एक हिट फिल्म देकर राज कुमार से अपने अपमान का बदला तो लिया। लेकिन हैरानी की बात ये थी कि राज कुमार को अपने उस दिन के बर्ताव पर कभी अफसोस नहीं हुआ। राज कुमार किसी भी बात को दिल में नहीं रखते थे। वो जो होता था सीधा बोलकर बात खत्म कर देते थे।

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