क्या है मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम

नई दिल्ली। कई राज्यों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण बच्चों में दिखाई दे रहे हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल तक में भर्ती कराना पड़ा है। ऐसे में बच्चों के लिए ये काफी खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम क्या है और कैसे बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है? शायद नहीं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
दरअसल, मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ये लक्षणों पर आधारित एक सिंड्रोम है। इसमें बच्चों के फेफड़ों, दिल, पाचन तंत्र, गुर्दे, त्वचा, मस्तिष्क और आंखों में इंफेक्शन और सूजन देखी गई है। जहां महाराष्ट्र में कोरोना से ठीक हुए बच्चों में इसके लक्षण देखे गए, तो वहीं नागपुर में दो से 12 साल के कुछ बच्चों में भी इसके लक्षण देखे गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस बात का ध्यान खासतौर पर देना चाहिए कि अगर बच्चे की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, और फिर भी उनमें ये सब लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो ऐसे में ये मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जब घर के बड़े लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, तब भी उन्हें 15-20 दिन तक आइसोलेट रहना चाहिए। वहीं, अगर आप बच्चों के पास जा रहे हैं, तो मास्क जरूर पहनें और उनसे एक उचित दूरी बनाकर रखें।
-बच्चों के खाने में विटामिन-सी को शामिल करें, जैसे- खट्टे फल, जिंक से भरपूर भोजन।
-बच्चों को पैकेट बंद चीजें, जैसे- चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि न दें।
-दूध और प्रोटीन को बच्चो के खाने में शामिल करें।