पिता को बचाने के लिए बेटी परिजनों के साथ एंबुलेंस में लेकर शहर के अस्पतालों के बाहर भटकती रहीं। प्रशासनिक अफसरों को फोन करती रहीं। मगर दो दिन तक भटकने के बाद भी वो जिंदगी से जूझते पिता को बेड नहीं दिला पाईं। उसके पिता दुनिया से चले गए।
पल्लवपुरम के बीआर चौहान की इलाज नहीं मिलने पर सोमवार रात मौत हो गई। उनकी बेटी अंजली बताती हैं कि भैया और हम शनिवार रात से रविवार शाम तक पापा को एंबुलेंस में लेकर भटकते रहे। सुधा नर्सिंग होम, आर्य व्रत एसडीएस ग्लोबल और आईआईएमटी सहित ना जाने कहां-कहां नहीं गए, लेकिन हर जगह से मना कर दिया गया।
एडीएम को फोन कर भर्ती कराने की मिन्नत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब कहीं जगह नहीं मिली तो घर ले आए। रविवार रात में उनकी मौत हो गई। भर्राय गले से वह बताती हैं कि इलाज में ही लापरवाही नहीं हुई उनकी कोविड-19 रिपोर्ट भी आज तक नहीं मिली। एंटीजन जांच में पॉजिटिव आने के बाद आरटीपीसार भी कराई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं दी गई। निजी लैब में जांच कराने को कहा तो बोल दिया कि किट नहीं है।