योगेंद्र कुमार कश्यप की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा जिला मैं मानवता को शर्मसार करने वाले दृश्य सामने आया है कोरोना काल मे सरकारी अस्पताल के स्टाफ द्वारा किया गया लोग डॉक्टर को भगवान की तरह मानते हैं और वही भगवान जब एक गर्भवती महिला को मरने के लिए हॉस्पिटल से बाहर कर देते हैं तो कितना शर्म की बात है । बता दु कि लक्ष्मी साहू 27 वर्ष पति राजेन्द्र साहू जो कि तरोद अकलतरा की रहने वाली है जो दिनांक 20/04/2021 को डिलीवरी कराने के लिए सरकारी अस्पताल अकलतरा 12 बजे के लगभग पहुचती है जिसे अस्पताल नर्स द्वारा कोरोना जांच कराने के लिए बोला गया। पीड़िता द्वारा सरकारी अस्पताल अकलतरा में ही कोरोना जांच के लिए पर्चा भराने के लिए लंबी इंतेजार कराया गया । तथा जिसका टेस्ट 2:30pm बजे हुआ और कोरोना पोसिटिव रिपोर्ट 3:55pm बजे दिया गया जब तक पीड़ित महिला दर्द में बिलख रही थी रो रही थी तड़प रही थी ऐसा लग रहा था की मरने की वाली थी तभी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट देख कर अस्पताल स्टाफ द्वारा उसे उसी हालत में अस्पताल से बाहर कर दिया गया जिससे महिला दर्द से तड़पती रही रोटी रही परिजनो द्वारा गुहार लगाने में भी कोई मदद नहीं मिला ।स्थिति बहुत भयावाह था ।और वही अस्पताल के बाहर ही महिला ने बच्चा को जन्म दिया । क्या सरकारी अस्पताल की स्थिति इतनी खराब है जहां मानवता नाम की कोई चीज नहीं है जहाँ जाओ तो कोरोना बता कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है । अगर पीड़ित ।महिला कोरोना पॉजिटिव है तो PPE किट पहन कर इलाज कर देते ।जब PPE किट पहनकर कोरोना टेस्ट किया जा सकता है तो इलाज क्यो नही ।..??
शर्म करना चाहिए ऐसे सरकारों को जो बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देते हैं.. और उसी बेटी को मरने के लिए हॉस्पिटल से धक्का मार कर परिवार सहित हॉस्पिटल से बाहर कर दिया जाता है तथा लोगों की मांग है कि ऐसे स्टाफ के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर उसे पद मुक्त किया जाए।