अबोहर। पंजाब के अबोहर में हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां वर्षों से अकेले रह रहे 65 साल के बुजुर्ग रविंद्र भाटिया के कारनामे देख लोगों के की आंखें फटी की फटी रह गई हैं। बंद पड़े आश्रम में रहते भाटिया के घर से एक नर कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया। अजीबोगरीब बातें करने वाले भाटिया ने मां की मौत होने पर उन्हें आंगन में ही दफन कर दिया था। फिर पिता की मौत हुई तो मां का कंकाल निकाल वहीं उन्हें दफन कर दिया। बाद में बहन को भी वहीं दफन कर दिया और पिता की अस्थियां निकाल घर में रख ली। मां की खोपड़ी तो बाकायदा रसोई में रखी मिली है। वह उसकी पूजा करता है। खास बात यह है कि पड़ोसियों और रिश्तेदारों को उसकी इस हरकत की भनक तक नहीं लगी। यहां की सिद्धू नगरी गली नंबर-4 में शुक्रवार दोपहर आग लगने के बाद यह खुलासा हुआ।
पड़ोसियों तक को पता नहीं चला तीनों मौतों का
बताया जा रहा है कि रविंद्र भाटिया पिछले कई वर्षों से खस्ताहाल आश्रम में रहते हैं। उसने माता-पिता और बहन की मौत का पड़ाेसियाें को पता नहीं चलने दिया। लाेगाें के पूछने पर वह कह देता था कि वे बहुत दूर चले गए हैं। रिश्तेदार भी आकर गए लेकिन किसी को कुछ भी पता नहीं चला।
ऊपर वाले कमरे में रखी थी पिता की खोपड़ी
रविंद्र भाटिया की मां की मौत हो गई तो उसने शव घर में ही दफना दिया। उसके कुछ समय बाद पिता का भी निधन हो गया तो उसने मां का कंकाल निकालकर पिता को वहां दफना दिया। मां की खोपड़ी रसोई में रख ली। बाकी अस्थियां थैले में भरकर रख दीं। रविंद्र ने बताया कि कुछ समय बाद उसकी बहन की भी मौत हो गई तो उसने पिता का कंकाल बाहर निकाला और उसी जगह पर बहन को दफना दिया। उसने बताया कि पिता की खोपड़ी ऊपर वाले कमरे में रखी थी, जो आग लगने से भस्म हो गई। निगम कर्मचारियों का कहना है कि पूरा घटनाक्रम कितना सच है, यह तो मकान की खुदाई करने पर ही पता चलेगा।
जांच में मिली खाेपड़ी का कंकाल
नगर निगम कर्मियों ने पुलिस की मौजूदगी में जांच के दौरान एक खोपड़ी का कंकाल बरामद किया। सिटी नंबर 2 के प्रभारी बलजीत सिंह का कहना है कि उनके पास कोई मामला नहीं आया है। अगर कोई मामला आता है तो जांच की जाएगी।