उमेश कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट
उरई /जालौन:- नया राजेन्द्र नगर में चल रही भव्य श्रीमद्भागवत कथा में आज कथाकार एवं समाज सुधारक आचार्य केशवम अवस्थी महाराज ने बताया कि भोजन को हमेशा प्रसाद बुद्धि से खाना चाहिए जब हम उसे प्रसाद समझ कर खाएंगे तो वह हमारे बुद्धि में सद विचारों का निर्माण करेगा आगे आज महाराज श्री ने महारास की कथा को सुनाया और कहा भगवान् से गोपियों ने अनूठा अद्भुत एवं अकलपनिय प्रेम किया जिस तरह से गोपियों ने भगवान से प्रेम किया ठीक उसी प्रकार से हमें भी परमात्मा से प्रेम करना चाहिए ,आचार्य जी ने कहा कि हम भगवान् को प्रेम से ही पा सकते है आगे बताया कि प्रेम के सहारे हम उस परमात्मा के पास पहुंच सकते है कहा कि हम भगवान् के प्रेम को मान ले तो हम उसे जान जायेंगे और अगर जान ले तो मान जायेंगे आगे मगराज श्री ने महारास की कथा का बहुत सुंदर वर्णन किया इसके महाराज श्री ने कंश वध का वर्णन किया और कहा नई हमें सभी जगह परमात्मा का दर्शन करना चाहिए जब हम सब में भगवान् को ही देखे गे तो हम उस परमात्मा के पास अवश्य पहुच जायेंगे कंश ने भी मरने से पहले सब जगह भगवान् का दर्शन किआ इसलिए उसकी भी मुक्ति हो गई आगे महाराज जी ने कहा किसी की मदद करने के बाद उससे कुछ लेना नहीं चाहिए भगवान् ने भी मथुरा के राज्य को नहीं लिया और उसे अपने नाना उग्रशेन जी को दे दिया इसके बाद भगवान् पड़ने के लिए उज्जैन गये और भगवान ने भी गुरु जी से ज्ञान लिया पूज्य श्री ने बताया कि गुरु हमारे अंदर व्याप्त अंधकार को हटाकर ज्ञान रुपी ज्योति जलाकर हमें परमात्मा की प्राप्ति करा देते है।आगे मगराज जी ने बताया कि भारत में गुरुमुखी ज्ञान को वरीयता दी जाती है भगवान् ने सब कुछ जानते हुए भी गुरु जी से ही ज्ञान लिया ,आगे भगवान् और जरासंद के युद्ध वर्णन किआ और उद्धव गोपी संवाद का बहुत सूंदर वर्णन किआ सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए और आगे भगवान और मा रुक्मणी के विवाह का वर्णन किया इस अवसर पर आयोजक वीरेंद्र सिंह कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता रामकुमार जादौन मुसमरिया, जय हिन्द, सूर्य प्रताप सिंह, बीरन सिंह बोहदपुरा,राजू आदि लोग मौजूद रहे।