Delhi

किसान अड़े रहे सरकार मनाती रही, टोल प्लाजा वसूली रोकी

तोमर-गोयल से मिले दुष्यंत चौटाला

परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली –कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया, जबकि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर बातचीत का दबाव बढ़ाने का प्रयास किया। किसान संगठनों ने देश में अनेक स्थानों पर टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर वसूली को बाधित किया। किसानों के कई जत्थे अलग-अलग राज्यों से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

पंजाब के वकीलों ने दिल्ली आकर किसानों की मांगों का समर्थन किया। श्री चौटाला ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार किसान संगठनों के साथ 48 घंटे में अगले दौर की बातचीत शुरू करेगी। सरकार ने किसान संगठनों को कृषि सुधार कानूनों में संशोधन  का प्रस्ताव दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया था और आंदोलन तेज करने की धमकी दी गई थी। श्री तोमर ने किसानों से आंदोलन समाप्त कर बातचीत से समस्या का समाधान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि बातचीत से समस्या का समाधान निकलेगा। सरकार का दरवाजा किसानों से बातचीत के लिए खुला है।

किसान अड़े रहे सरकार मनाती रही, टोल प्लाजा वसूली रोकी

कल से भूख हड़ताल की धमकी

किसान संगठन पिछले 17 दिन से राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को किसानों ने 14 दिसंबर से भूख हड़ताल करने की भी धमकी दी है। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि कानून लाने से पहले 700 चौपाल लगाना चाहिए था, लेकिन 700 से भी क्या होगा। देश तो बहुत बड़ा है। सात हजार चौपाल लगानी चाहिए।

जितना इन्वेस्ट, उतना बड़ा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कहा कि किसानों को जितना सपोर्ट मिलेगा, हम जितना इन्वेस्ट करेंगे, उतना किसान और देश मजबूत होगा। सरकार नीयत और नीति से किसानों का हित चाहती है। उन्होंने कहा कि आज भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से ज्यादा वाइब्रेंट हुआ है। आज किसानों के पास मंडियों के बाहर बेचने का भी ऑप्शन भी है। वे डिजिटल माध्यम पर भी खरीद-बिक्री कर सकते हैं।

किसान अड़े रहे सरकार मनाती रही, टोल प्लाजा वसूली रोकी

यूनियनों में एक राय न होने से फंसा पेंच

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार कृषि संबंधी कानूनों में किसानों के हितों की रक्षा के लिए कृतसंकल्प है और इसके लिए खुले मन से बात भी कर रही है, लेकिन अनेक किसान यूनियनों में एक राय कायम नहीं होने के कारण समाधान नहीं हो पा रहा है।

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