Punjab

धरने के दौरान किसान की मौत पर और भड़क गए आंदोलनरत किसान

सुरिंदर प्रसाद की रिपोर्ट

लुधियाना : कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में संघर्ष कर रहे पंजाब के किसानों में शामिल समराला के गांव खट्टरा के एक किसान गज्जन सिंह (55) की टिकरी बार्डर पर धरने के दौरान हालत बिगडऩे पर मौत होने से किसान और भी भड़क गए हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) ने अपने सक्रिय वर्कर की हुई मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताते हुए मांग की है कि संघर्ष दौरान शहीद हुए किसान के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।

जत्थेबंदी ने केंद्र सरकार को यह दोनों मांगों की पूर्ति के लिए कल 11 बजे तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांग न मानी तो मृतक का शव मोर्चे वाली जगह पर रख कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) के जिला प्रधान बलबीर सिंह खीरनियां ने बताया कि मृतक किसान गज्जन सिंह बीते 24 नवम्बर को ही समराला के घुलाल टोल प्लाजा से गए किसानों के पहले जत्थे में शामिल होता हुआ दिल्ली  पहुंचा था। कड़ाके की ठंड में भी साथियों के साथ टिकरी बार्डर पर डटे हुए इस किसान की शनिवार देर रात हालत बिगड़ गई। वहां मौजूद और किसान नेता उसे नजदीक के एक प्राइवेट अस्पताल ले गए, परन्तु हालत ज्यादा गंभीर होने पर उसे बड़े अस्पताल ले जाया गया। जहां पर गज्जन सिंह की मौत हो गई है।

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