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आज पृथ्वी के सबसे निकट होगा चंद्रमा

विशाल भगत की रिपोर्ट

जालंधर। सर्दी की तरफ बढ़ रहे मौसम के बीच शरद पूर्णिमा व्रत 31 अक्टूबर को रखा जाएगा। हालांकि, एक दिन पहले शाम 5. 45 बजे शरद पूर्णिमा का साया शुरू हो जाएगा, जो 31 अक्टूबर रात 8.18 बजे तक रहेगा। इसके चलते शरद पूर्णिमा का व्रत रखने वाले श्रद्धालु 31 जुलाई को ही रखेंगे। जानकारों के मुताबिक शरद पूर्णिमा की रात पर इस बार चंद्रमा धरती के सबसे निकट होगा।शरद पूर्णिमा की रात के समय अंतरिक्ष के समस्त ग्रहों से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा चंद्र किरणों के माध्यम से पृथ्वी पर पड़ती है। ऐसे में चंद्रमा की किरणों में खीर तैयार करके रखने के बाद इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना गया है। वह बताते हैं कि चंद्रमा के औषधीय गुणों से युक्त किरणें खिर पर पड़ने पर वह अमृत बन जाती है। जिसके चलते इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी की पूजा का विधान भी शुरू से रहा है। बताया जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ गरुड़ पर बैठकर पृथ्वी लोक में भ्रमण करने के लिए आते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी घर-घर जाकर सभी को वरदान देते हुए कृपा बरसाती है। शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के विधिवत पूजा अर्चना करने से इंसान को कर्ज़ों से मुक्ति मिलती है।बताया जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को ही समस्त देवतागण भी स्वर्ग से पृथ्वी लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना विधिवत रूप से करनी चाहिए।

शरद पूर्णिमा तिथि

शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर को शाम 5.45 बजे
शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर को रात 8.18 बजे

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