Punjab

टुकड़ों में बंटे ड्राइवरों को एकजुट होने की आवश्यकता है

विशाल भगत की रिपोर्ट

लुधियाना। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के राजनेताओं ने ड्राइवर भाइयों को बर्बाद करने के लिए टुकड़ों टुकड़ों में बांटने की रण नीति अपनाई।

पहले भारतवर्ष में सिर्फ ड्राइवर हुआ करते थे

सभी ड्राइवर कल्याण संघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरिंदर प्रसाद ने कहा है कि, सरकारकी रण नीति रही है और भारत में इतिहास रहा है कि फूट डालो और राज करो। अर्थात् भारत के राजनेताओं ने ड्राइवर भाइयों के लिए इसी नीति का प्रयोग किया। इनके आपसी विवाद और एक दूसरे के प्रति भेद भावनाओं को देखते हुए इन्हें अनेकों भागों में बांट दिया है। बस ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर फिर टैक्सी ड्राइवर, फिर लाइट लाइसेंस पर कमर्शियल गाड़ी चलाने के लिए सादे लाइसेंस को भी ड्राइवर बना दिया गया। एक हिस्से मैं और बांट दिया टैक्सी ड्राइवर एवं प्राइवेट ड्राइवर। इस तरीके से पूरे ड्राइवर समाज को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया। विवरण कुछ इस तरह है।

सभी ड्राइवर कल्याण संघ भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरिंदर प्रसाद ने कहा कि, ट्रक ड्राइवर शहर में प्रवेश नहीं कर सकते अच्छे लोगों से मिल नहीं सकते। वह सारा काम काज बाहर से ही करना होगा।

बस ड्राइवर शहर में आ सकते हैं मगर बस स्टैंड के आसपास ही रहना होगा किसी अच्छे लोगों से मुलाकात नहीं कर सकते किसी नेता या किसी भी सामाजिक कार्य में हिस्सा नहीं ले सकते।

टैक्सी ड्राइवर अच्छी जगह पर जा सकते अच्छे लोगों से मिल सकते हैं वीआईपी होटल में जा सकते हैं मगर अपने हक के लिए आवाज नहीं उठा सकते।

प्राइवेट ड्राइवर जो सादे लाइसेंस से अभी ड्राइवर बने हैं जो सिर्फ सरकार के बांटने का काम कर रहे हैं और उन्हें अभी कुछ पता ही नहीं कि ड्राइवर के साथ क्या होता है। यह उस केटेगरी में आते हैं। ऊपर से सरकार ने हमारे कुछ ड्राइवर भाइयों को एक प्यारा सा लॉलीपॉप दिया जिसका नाम रखा गया हाईवेज हीरो है।

सभी ड्राइवर कल्याण संघ भारत ने कहा कि इस तरीके से हमें टुकड़ों में बांट दिया गया आज अगर हम सब मिलकर एक हो जाए तो हमें बहुत बड़ा समुदाय बन सकते हैं और अपने हक के लिए मांग कर सकते हैं।

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