Punjab

ड्राइवर भाइयों के हक और सम्मान की लड़ाई

विकास के साथ विशाल भगत की रिपोर्ट

लुधियाना/जालंधर। कुछ ट्रेवल्स, गाड़ी मालिक और ड्राइवर डीज़ल के भाव बढ़ाने के बाद भी जान बूझकर कम रेट पर गाड़िया भेजकर मार्केट में भाव बिगाड़कर वाह – वाही लूटना चाह रहे हैं। अब नवरात्रि पर्व से यात्रिओं का आवागमन भी बढ़ जायेगा। ऐसी परिस्थिती में ग्राहक का तो फायदा हो जायेगा लेकिन ड्राइवर मालिकों का नुकसान हो जायेगा है। एक बार फिर से चर्चा करके समझाने का प्रयास कर लेते है, अगर नही मानते हैं तो हमे भी मजबूरी में अनावश्यक कड़ा कदम उठाने पर विवश होना पड़ेगा।

आपलोग भी एक-दो दिन प्रयास कर लिजिए सभी को समझाईये कि केवल डीज़ल के भाव नही बढ़े है, दैनिक उपयोग की हर चीज के भाव तेजी से बढ़े है और गाड़ियों में टायर, टैक्स, बीमा, रखरखाव आदि में बढोतरी हो रही है तो ड्राईवर की पगार में भी बढोतरी होनी चाहिए। कम भाव मे जो गाड़िया चला रहे हैं वो केवल ड्राइवर मालक भाइयों का नुक़सान कर रहे हैं।लेकिन अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिये बचत के नाम पर कुछ भी एकत्र नही कर पा रहे है। पूरे देश में हर क्षेत्र में जमाने के साथ हर चीज और सेवा के मूल्य में वृद्धि हो गई है और हम चुपचाप देखते आ रहे हैं ओर तो ओर मोटर वाहन अधिनियम में भी चालान की राशि में तेजी से वृद्धि हुई है।

लगभग सभी राज्यों में जो लोग जाकर आये हैं, उन्होनें इस बात का अच्छे से अनुभव भी कर लिया हैं तो फिर एकमात्र ट्रेवल्स के क्षेत्र में कम्पीटिशन की क्या आवश्यकता है। किसी को कुछ भी हासिल नही हो रहा है, ऐसी स्थिति में केवल और केवल गाड़ी मालिक ड्राईवर की पगार, गाड़ी की किश्त, गाड़ी का मेनटनेंस और अपने लिये जरूरी चीजे ही जुटा पा रहा है। सुरिंदर प्रसाद जी का कहना है कि आज नही तो कल हमे अपनी मानसिकता बदलनी होगी नही तो किसी को भी बचत नही हो पायेगी।

उठोजागो और सोचो कि हमे अपने घर-परिवार के लिए भी कुछ करना है या जैसा चल रहा है वैसे ही चलने नहीं देना हैं। अगर आज भी नही जागे तो आपका कल का भविष्य कैसा होगा आप उसकी कल्पना भी नही कर पायेंगे।

संगठन में ही शक्ति हैं और सभी का फायदा है

समय की मांग है समय के साथ चलो अपने हाथो से नुकसान मत करो।” बीता हुआ समय लौटकर नही आयेगा और आने वाला समय बहुत ही कठिन दिखाई पड़ रहा है अपना भविष्य खुद ही सुधारना होगा। अभी भी सम्भलने की सम्भावना बची हुई है अगर ये मौका भी चूक गया तो सिवाय पछताने के कुछ नही बचेगा। सभी मिलकर अपने साथियो और ड्राइवर मालिको को समझाओ कि एक साल मे एक लाख की.मी. गाड़ी चलती है और एक लाख का नूकसान, तो आप कम भाव लेकर कितना नूकसान झेल रहे हो। इतने रुपये मे गाड़ी की 6माह की किश्त ही भर सकते हैं। या ड्राइवर मालिक बहुत मुश्किल से अपना घर ही चल सकते है।अपना आत्म विश्वास जगाओ।

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