कैंट रेलवे स्टेशन पर किसानों ने लगाया धरना

विशाल भगत की रिपोर्ट
जालंधर। कृषि विधेयक के खिलाफ धरने प्रदर्शन का दौर शनिवार को भी जारी है। जालंधर कैंट स्टेशन पर जहां किसानों ने पटरी पर धरना लगा दिया, जालंधर कैंट स्टेशन में लगाए धरने में किसान मैट बिछाकर पटरियों पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि कृषि विधेयक को लेकर जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।धरने में शाहकोट से आए यूनियन के गुरमेल सिंह ने कहा कि कृषि से जुड़े जो तीन विधेयक आए हैं, उससे खेतीबाड़ी का ढ़ांचा पूरी तरह से खराब हो जाएगा। खेतीबाड़ी का नियंत्रण बड़े घरानों के हाथों में चला जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की नौजवान पीढ़ी पहले ही विदेशों की तरफ जा रही है, अब पंजाब में जो किसानी बची है वह इस विधेयक के कारण बर्बाद हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंडीकरण के लिहाज से किसानों के पास सिर्फ गेहूं और धान की फसल बची है, बाकी सारी फसलें सरकार पहले ही मंडीकरण व्यवस्था से किसानों से छीन चुकी है। उन्होंने कहा कि अब नौजवान भी जाग गए हैं कि अगर वह अब संघर्ष नहीं करेंगे तो उनकी भविष्य की पीढ़ियां तबाह हो जाएंगेकिसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सरवण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मार्केट कमेटियों को बर्बाद कर रही है। इससे 4000 करोड़ सालाना बर्बाद होंगे। 71000 किलोमीटर सड़कें खराब हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमने कृषि विधेयक पढ़े हैं। यह आरोप गलत लगाए जा रहे हैं कि किसी को इसके बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक से होने वाले नुकसान के बारे में बच्चे बच्चे को पता चल चुका है।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जालंधर के जिला प्रधान सलविंदर सिंह जाणिया ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार विधेयकों को रद नहीं करती, तब तक उनके धरने लगातार चलते रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे अकाली दल हो या कांग्रेस, यह सभी केंद्र के प्रकार से मिले हुए हैं और विधेयक में उन्होंने भी हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक लागू होने के बाद बड़े घराने मनमर्जी से रेट तय कर फसलों की खरीद करेंगे, जिससे किसानों को बहुत नुकसान होगा।