कोरोना महामारी के कारण सोढल मेला न लगने से कारोबारियों के मुरझाए चेहरे

विशाल भगत की रिपोर्ट
जालंधर। कोरोना महामारी के कारण जिला प्रशासन ने इस बार विश्व विख्यात श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला आयोजित नहीं करने का आदेश दिया है। इससे केवल चड्ढा या आनंद बिरादरी ही नहीं बल्कि कारोबारियों के चेहरे भी मुरझा गए हैं। उनकी मेले के दौरान अच्छे कारोबार की उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले के दौरान मंदिर के आसपास विभिन्न प्रकार के स्टाल लगाकर कारोबार करने वाले इस वर्ग को अब एक वर्ष और इंतजार करना पड़ेगा।इस बार मेला नहीं लगेगा पर अनंत चौदस वाले दिन धार्मिक रस्में पूरी करने के लिए मंदिर पहुंचने वाले चड्ढा व आनंद सहित विभिन्न बिरादरी के लोगों को परिवारों में केवल एक सदस्य के प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। आमजन के मंदिर आने पर प्रतिबंध लगने से जहां पर अब किसी तरह के कारोबार की आस नहीं रही है।अनंत चौदस वाले दिन लगने वाले श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले को लेकर मंदिर के आसपास 2 किलोमीटर के दायरे में विशाल बाजार सजता था। यहां पर खिलौनों से लेकर ड्रेसेस व प्लास्टिक का सामान से लेकर रेडीमेड कपड़े, क्रॉकरी से लेकर मेकअप के समान की अच्छी खासी बिक्री होती थी। इस मार्ग पर कई दुकानदार अपनी दुकान के आगे स्टॉल लगाने वालों से भी पैसा कमा लेते थे। इसी तरह मंदिर के मार्ग पर झूले लगाने वाले स्थानीय लोगों को 2 सप्ताह तक अच्छा खासा किराया भी मिलता था। उन्हें भी इस बार इस मायूसी हाथ लगी है।वहीं, सोढल मेले के दौरान बच्चों के खिलौने की बिक्री करने वाले राजेश कुमार बताते हैं जिला प्रशासन को अनंत चौदस वाले दिन मंदिर के आसपास शारीरिक दूरी के साथ स्टॉल लगाने की इजाजत देनी चाहिए।