हादसों की वजह बन रहे है शहर में घूम रहे आवारा पशु

विशाल भगत की रिपोर्ट
जालंधर। शहर में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। विभिन्न चौक-चौराहों पर आवारा पशु वाहन चालकों के लिए परेशानी बनते जा रहे है। इस समस्या पर नगर निगम कोई ध्यान नहीं दे रहे है। ये आवारा पशु कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाते है।शहर की विभिन्न सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग,बल्टर्न पार्क रेलवे रोड, फोकल पॉइंट, मक़्सूदा सब्ज़ी, मंडी ,नई दाना मंडी इलाको और मुहल्लों में आवारा पशुओं की भरमार है।ये आवारा पशु लोगों के लिए जी का जंजाल बने हुए है। लोगों का कहना है कि ये आवारा पशु कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते है। कई बार ये आवारा पशु वाहनों के आगे अड़ जाते है जो कई बार वाहन चालकों द्वारा हार्न बजाने पर भी पीछे नहीं हटते, और कई देर तक भी नहीं हटते। इससे जाम लग जाता है। कई बार आवारा पशु अनेक बार सड़क पर आपस में लड़ते हैं। उससे वहां से गुजरने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही लावारिस पशु रात के समय नजर नहीं आते जिस वजह से यही हादसों का कारण बनते हैं।
शहर की सड़को पर पशुओं के विचरण से आवागमन बाधित होने के साथ राहगीरों को आने-जाने में जानवरों का भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। इसके इलावा नगर के चौक-चौराहों में आवारा पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है वही अकसर देखा गया है कि शहर में जहा गंदगी का ढेर है वहा ये आवारा पशु खडे़ रहते है। इसके लिए सफाई कर्मचारियों के अलावा शहर के नागरिक भी बराबर के जिम्मेदार कहे जा सकते है आसपास के क्षेत्र के दुकानदारो एवं यहा मकानों में रहने वाले लोग सुबह-शाम व दिन के समय भी बीच सड़क गंदगी डाल देते है। इन गंदगी के ढेरों पर दिन भर ये मुंह मारते रहते है जिससे लोग परेशान होते है। शहर में प्रशासन को आवारा पशुओं के लिए कोई न कोई निर्धारित स्थान अवश्य बना देना चाहिए। क्योंकि शहर में घूम रहे आवारा पशुओं की तादात हर रोज बढ़ती ही जा रही वही अगर आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन गंभीर हो जाए तो शहर की व्यवस्था में काफी हद तक सुधार हो सकता है। भगवन न करे अगर बेसहारा पशुओं की वजह से किसी भी शहरवासी के साथ कोई बडा हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेवार कोन होगा। क्योंकि प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना बैठा है नगर निगम अधिकारी को भी इस ओर ध्यान देना होगा ताकि इन आवारा पशुओं से शहरवासियों को निजात दिलाए। अन्यथा ये पशु लोगों के लिए समस्या बनते रहेंगे।