Punjab

कोविड के लैवल -2 मरीज़ों के लिए 75 और लैवल -3 के लिए 70 और बैंड तैयार : डीसी

विशाल भगत की रिपोर्ट

जालंधर। जिला प्रशासन ने मेडिकल और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए लेवल-2 के मरीजों के लिए 75 और लेवल-3 के मरीज़ों के लिए 70 अन्य बेड तैयार किए हैं। इसके साथ अब जालंधर में लेवल-2 के मरीजों के लिए 629 बेड और लेवल-3 के मरीजों के लिए 240 बेड उपलब्ध हैं।डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि कुछ स्वास्थ्य संस्थानों ने बेडों की क्षमता को बढ़ाया और 12 अन्य प्राइवेट अस्पताल कोविड से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए आगे आए हैं। डीसी ने बताया कि मान मेडिसिटी अस्पताल साथ-साथ अल्टिस अस्पताल, बाठ अस्पताल, वसल अस्पताल, एपेक्स अस्पताल और घई अस्पताल की तरफ से सांझे तौर पर लेवल-2 के लिए 30 बेड और लेवल-3 के लिए 40 बेड मान मेडिसिटी अस्पताल में उपलब्ध करवाए गए हैं। आस्था न्यूरो सेंटर की तरफ से लेवल-2 के लिए पांच और लेवल-1 के लिए एक बेड उपलब्ध करवाया गया है।इसी तरह सेंट्रल अस्पताल ने लेवल-2 के लिए चार और एकम अस्पताल ने लेवल-2 के लिए तीन बेड देने की सहमति दी है। वसल अस्पताल की तरफ से लेवल-2 के लिए चार और लेवल-2 के लिए दो बेड की पेशकश की गई है। दोआबा अस्पताल ने लेवल-3 के मरीजों के लिए आठ बेड आरक्षित रखे हैं। हांडा न्यूरो अस्पताल में लेवल-2 के लिए तीन बेड, निपुन नंदा अस्पताल ने लेवल-2 के लिए चार बेड, रंधावा चाइल्ड केयर अस्पताल में लेवल-2 के लिए दो बेड और गुडविल अस्पताल की तरफ से लेवल-2 के लिए दो बेड उपलब्ध करवाए हैं।पिम्स अस्पताल की तरफ से अब लेवल-2 के लिए 14 बेडों को बढ़ाकर 30 बेड करने की पेशकश की गई है और इसी तरह किडनी अस्पताल में लेवल-2 के लिए दो और बेड दिए गए हैं। नोबल मिशन अस्पताल की तरफ से लेवल-3 के गंभीर मरीजों के लिए 11 नए बेड उपलब्ध करवाने की सहमति दी गई। इसी तरह इनोसेंट हार्ट अस्पताल की तरफ से वेदांता अस्पताल के साथ लेवल-3 के मरीजों के लिए 6 और बेडों का प्रबंध किया गया है।बेडों और वेंटीलेटरों की उपलब्धता के बारे में पूरी जानकारी लाइव कोविड -19 डैसबोर्ड पर उपलब्ध करवाई गई है। कोई भी हेल्पलाइन नंबर 0181 -2224417 पर जालंधर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध बेडों के बारे में जानकारी ले सकता है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज के लिए पंजाब सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए रेट ही वसूल सकते हैं। डीसी ने शहरवासियों से अपनी की कि वे इस बीमारी को हल्के में न लें और समस्या आने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ज्यादा टेस्ट होने के कारण ज्यादा केस सामने आ रहे हैं।

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