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मां-बेटी की चीखें सुनकर मदद के लिए दौड़े लोग

मुकुल गोयल की रिपोर्ट

होशियारपुर। शुक्रवार सुबह होशियारपुर में हल्की बारिश के दौरान टांडा रोड के साथ लगते गांव हरदोखानपुर में गरीब विधवा मंजीत कौर के आशियाने को पलभर में तबाह करके रख दिया। सुबह के समय हल्की बारिश के दौरान मंजीत कौर घर में खाना बना रही थी कि अचानक तेज धमाके के साथ मकान की छत भरभराकर पलंग के उपर गिर गई। हादसे में मां-व 8 वर्षीया बेटी राधना का जानमाल का तो कोई नुक्सान नहीं हुआ पर कुदरत के कहर ने पलभर में ही उसके आसियाने को तबाह कर दिया।

मां-बेटी की चीखें सुनकर मदद के लिए दौड़े लोग

जोरदार आवाज के साथ पीडि़ता की चीख सुन मदद को दौड़े लोग  

मिली जानकारी के अनुसार मंजीत कौर के घर का जिस समय छत गिरी उस समय मंजीत कौर रसोई में खाना बना रही थी वहीं उसकी बेटी राधना घर के बाहर मुंह धो रही थी। छत का मलबा गिरने से हुई भारी आबाज व मंजीत कौर की चीख सुन गांव के पूर्व सरपंच व बसपा के वरिष्ठ नेता सुखदेव बिट्टा अपने साथ गांव के लोगों के साथ मौके पर पहुंच मदद करने लगे। मंजीत कौर ने रोते हुए बताया कि कुछ देर पहले तक वह बेटी राधना के साथ बिस्तर पर सोई हुई थी।

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पीडि़त विधवा ने कहा ,काश सरकार से मिल गई होती राहत

हरदोखानपुर गांव में पीडि़ता मंजीत कौर के साथ खड़े गांव के पूर्व सरपंच व बसपा के वरिष्ठ नेता सुखदेव बिट्टा ने बताया कि मंजीत कौर के पति राजकुमार की करीब 4 साल पहले ही मौत हो जाने के बाद से मंजीत कौर लोगों के घरों में कामकाज कर बड़ी मुश्किल से घर चलाया करती है। मंजीत कौर को प्रधानमंत्री आबास योजना के अधीन शामिल कर लिया गया था लेकिन जांच के दौरान मौके पर आए अधिकारियों ने पुराने व जर्जर मकान को देखने के बाद भी इस परिवार को योजना के अधीन ग्रांट देने से साफ तौर पर इन्कार कर दिया था। मंजीत कौर को भरोसा था कि ग्रांट मिलते ही वह कच्ची छत को पक्का करवा लेगा लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की गलती का खामियाजा आज इस गरीब परिवार को इस तरह भुगतने को मजबूर होना पड़ा है जिसकी उच्चस्तरीय जांच की हमलोग मांग करते हैं। कुदरत के कहर के शिकार इस गरीब परिवार की मदद के लिए हमलोग प्रशासन से मांग करते हैं कि परिवार की आर्थिक तौर पर भी मदद करे।

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