Punjab

बारिश से कई इलाको में पैदा हुई जलभराव की स्तिथि खुली निगम के दावों की पोल

विशाल भगत की रिपोर्ट

जालंधर सोमवार सुबह हुई करीब एक घंटे की बारिश के कारण महानगर के कई मोहल्लों में जलभराव की स्थिति हो गई है। दादा कॉलोनी,गाँधी कैंप,राम नगर ,कबीर नगर ,भर्गो कैंप किशनपुरा, सोढल; आदि कई इलाको और मुहल्लों में जलभराव की स्तिथि पैदा जिससे लोगो को काफी मुश्किलों का सामना करना इस बारिश से नगर निगम के दावों की पोल भी खुल गयी । शहर के अलग-अलग मोहल्लों में वाहन तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

बारिश से कई इलाको में पैदा हुई जलभराव की स्तिथि खुली निगम के दावों की पोल

शहर के बाहरी इलाकों में भी पानी भर जाने से यातायात भी प्रभावित हुआ। हीं अपने वाहनों पर भी सफर कर रहे लोगों को रास्ते में ही रुकना पड़ा। कई मोहल्लों में पानी घरों के अंदर घुस गया। बारिश के चलते बाजारों रौनक कम रही और लोग घरों में ही दुबके रहे जिससे कारोबार काफी हद तक प्रभावित रहा। इन इलाकों में बने बाढ़ जैसे हालात बन जाते है और तो और शहर के काफी इलाके सीवरेज सिस्टम पुराना है, जो बरसाती पानी की मार नहीं झेल पाता है।

पुराने सीवरका पानी ओवरफ्लो होना लगता है और सड़को पर जमा होने लगता है वही कई इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। सड़कों पर भरे पानी की वजह से वाहन चालक परेशानी झेलते नजर आए। महानगर में सड़कों पर एक से दो फीट तक बरसाती पानी जमा हो जाता है जिसमें आसपास के बच्चे खेलने और तैरने लग जाते हैं। इस दौरान किसी भी समय बच्चे हादसे का शिकार हो सकते हैं।जालंधर पहले ही कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। बरसात ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग को और मुश्किल बना दिया है। बरसात में अगर किसी को भी इमरजेंसी में भागदौड़ करनी पड़ जाए तो उसे बीमारी से पहले सड़कों पर भरे पानी और गड्ढों से जूझना होगा।

बारिश से कई इलाको में पैदा हुई जलभराव की स्तिथि खुली निगम के दावों की पोल

सड़कों पर पानी भरा होने के कारण कोई यह अंदाजा नहीं लगा सकता है कि कहां गड्ढे हैं और कहां मैनहोल का ढक्कन खुला है लोगों का कहना की नगर निगम ने बरसात के मौसम आने से पहले कोई कदम नहीं उठाया है। उन्हें बरसात से पहले ही सीवरेज को साफ करवाना चाहिए था। जिस से को बारिश में होने वाली जलभराव की स्तिथि न देखने पड़े ल्प्गों का कहना है की बरसात में सड़कों पर पानी भरा होने के कारण कुछ भी करना असंभव हो जाता है। शायद नगर निगम किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में बैठा हुआ है।

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