महिला अपराध के मामलों के जल्द निपटारे के लिए तीन नई इकाइयाें को मंजूरी

राजेश की रिपोर्ट
चंडीगढ़ । पंजाब में पोकसो एक्ट और महिलाओं के विरुद्ध अपराध से सम्बन्धित मामलों के जल्द निपटारे को सुनिश्चित बनाने के लिए फोरेंसिक सांईंस लैबोरेटरी, एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में डी.एन.ए., साईबर फोरेंसिक और आडियो विश्लेषण की तीन नयी इकाईयाँ स्थापित किये जाने को आज मंजूरी दे दी गई । इन इकाइयों पर 1.56 करोड़ रुपए सालाना की लागत तथा पैंतीस पद सृजन करने की मंजूरी दे दी है। इस आशय का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गया । सी.आर.पी.सी. की संशोधित धारा 173 के अनुसार सैक्स अपराध के मामलों की सुनवाई दो महीनों के अंदर मुकम्मल की जानी चाहिए। सैक्स अपराध के सभी मामलों के लिए डीएनए का नमूना लेना और टैस्ट करना भी लाजिमी कर दिया गया है। डीएनए यूनिट की संख्या एक से बढ़ाकर दो करके स्टेट फोरेंसिक लैब में डीएनए यूनिट को मजबूत करने के गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में साईबर फोरेंसिक और आडियो विश्लेषण के मामलों को अन्य वैज्ञानिक प्रयोगशालायों में जांच के लिए भेजा जाता है क्योंकि स्टेट फोरेंसिक लैब में इनकी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। इन तीनों इकाइयों में कंप्यूटर आपरेटरों से लेकर सहायक डायरैक्टर स्तर तक 35 नए पद शामिल हैं ।