गौरीशंकर अग्रवाल की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश के शाजापुर में एक निजी अस्पताल के मेडिकल बिल का भुगतान नहीं करने पर एक वृद्ध मरीज को कथित तौर पर ‘बेड’ पर बांध दिया गया. इस मामले में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
हालांकि, अस्पताल का कहना है कि मरीज को बिल के भुगतान न करने के लिए बेड पर नहीं बांधा गया है.
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मीडिया में आई खबरों के बाद ट्वीट कर लिखा, ‘शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
मीडिया में आई खबरों के अनुसार अस्पताल ने अंतिम बिल का भुगतान नहीं करने पर राजगढ़ जिले के रणायन गांव के मरीज लक्ष्मी नारायण की बेटी को अपने पिता को घर नहीं ले जाने दिया और उसे बेड से बांध दिया.
उसे एक जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया और पांच जून को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी. शाजापुर जिले के शनिवार को प्रभार लेने वाले नव नियुक्त कलेक्टर दिनेश जैन ने इस मामले में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) एस एल सोलंकी को जांच के आदेश दिए हैं.
इस बारे में जब सोलंकी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट रविवार शाम तक कलेक्टर को सौंप दी जाएगी. हालांकि, सिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. वरूण बजाज ने कहा कि 65 वर्षीय एक मरीज को शुक्रवार को बिना किसी बकाए भुगतान के अस्पताल से छुट्टी देकर छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में इसकी उम्र 80 वर्ष बताई जा रही है.
बजाज ने दावा किया, ‘इस मरीज को पेट दर्द के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उसकी आंतों में कुछ खराबी थी. ज्यादा उम्र होने के कारण हम उन्हें एनेस्थीसिया नहीं दे सकते थे. इंजेक्शन लगाते समय उनके हाथ-पैर हिलते थे. इसलिए इंजेक्शन एवं दवाई देने के लिए उसके हाथ उनकी बेटी सीमा बाई पकड़ लेती थी और पैर बांध दिए गए थे.’
उन्होंने कहा, ‘इस मरीज पर 11,400 रुपए बाकी था. लेकिन उसकी बेटी ने कहा कि मेरे पास और पैसे नहीं हैं. इसलिए उसने देने से मना कर दिया था.’ बजाज ने बताया, ‘हमने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी. कोतवाली पुलिस आई और इस मरीज को बकाया पैसे देने को कहा. जब उसने बकाया पैसा नहीं दिया तो हमने बिना बकाया पैसे दिए उसे छोड़ दिया और फिर वह अपनी बेटी के साथ घर चला गया.’ इस मरीज की बेटी से इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए बार-बार संपर्क करने के प्रयास किए गए, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘प्रदेश के शाजापुर में एक अस्पताल में एक बुजुर्ग व्यक्ति से ऐसा अमानवीय, बर्बर व्यवहार. बेटी का आरोप है कि अस्पताल का बिल नहीं चुकाने पर पिता के हाथ-पैर रस्सियों से बांध बंधक बनाया.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इस कोरोना वायरस की महामारी में प्रदेश के कई निजी अस्पतालों में अमानवीय व्यवहार, लूट-खसोट व उनकी मनमानी जारी है. जनता की कोई सुनने वाला नहीं है.
सरकार इस घटना पर सख्त कदम उठाए, दोषियों पर कार्रवाई हो.’ हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला सचिव डॉ प्रवीण सिंह गोहिल ने कहा कि यदि जिला प्रशासन ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई की तो हम उसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच में हमारे एसोसिएशन का भी सदस्य होना चाहिए.