श्रमिकों के लगातार घर जाने से अफसर खुश उद्यमियों में रोष

विकास की रिपोर्ट
लुधियाना । श्रमिकों को गृह प्रदेश भेजने का कार्य जारी है। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल और निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ तीनों दिन-रात एक करके मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में जुटे हैं। रेलवे ने ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर बारह प्रतिदिन कर दी हैं। अब तो रोजाना 18 से 20 हजार लोग घर जा रहे हैं। जैसे-जैसे मजदूर शहर छोड़कर जा रहे हैं, वैसे-वैसे अफसर उत्साहित और उद्यमियों की चिंता बढ़ रही है। अफसरों ने जब लुधियाना से 100वीं ट्रेन रवाना की तो बाकायदा उस रेलगाड़ी के इंजन वाले हिस्से को फूल-मालाओं से सजाया गया। डीसी, सीपी और निगम कमिश्नर ने हरी झंडी देकर ट्रेन को रवाना किया और श्रमिकों को हाथ हिलाकर विदा करते रहे।
इसे अफसर अपनी सफलता बता रहे थे जबकि उद्यमी कह रहे हैं कि अफसरों को श्रमिकों को घर भेजने की बजाय उन्हेंं यहीं रोककर काम करने को कहने पर फोकस करना चाहिए।
गले पै गेया सियापा (मुसीबत गले पड़ी)
जब से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू हुई हैं, तब से निगम और पुलिस अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। श्रमिकों को रेलवे स्टेशन पहुंचाने से पहले अलग-अलग स्थानों पर बुलाया जाता है। पिकअप प्वाइंट तय करने की जिम्मेदारी संबंधित एरिया के एसीपी को सौंपी थी। सिरदर्दी न बढ़े, इसलिए सभी थानों के इंचार्ज चाहते थे कि पिकअप प्वाइंट उनके इलाके में न बनें। एक पिकअप प्वाइंट घंटाघर चौक में बनाया गया है। यहां पर शहर के अलग-अलग हिस्सों से श्रमिक आ रहे हैं। यह एरिया कोतवाली थाना के अधीन आता है। कुछ दिन पहले एरिया के एडीसीपी, एसीपी और एसएचओ घंटाघर में खड़े श्रमिकों को देख रहे थे। इतने में एसएचओ राजवंत सिंह एसीपी वरियाम सिंह से बोले, सर ‘तुस्सीं मेरे गले एह सियापा पा दित्ता। एह लोक मेरे थाने दे नईं, ते ऐत्थे ड्यूटी सानूं देनी पै रही ए। फिर एसीपी ने कहा, ‘हुण तां संभालना ही पैणा ए।
पहले चालू, फिर उद्घाटन
नेशनल हाईवे-44 पर ओसवाल अस्पताल चौक में पड़ते फ्लाईओवर का काम कोरोना के कारण लटक गया था। कफ्र्यू में सरकार से मंजूरी मिलते ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने काम दोबारा शुरू करने के लिए ठेका कंपनी पर दबाव बनाया। कंपनी ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फ्लाईओवर का कार्य शुरू किया। फिर एक हिस्सा तैयार करवा उसे ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया। इसके कुछ दिन बाद ही दूसरा हिस्सा भी तैयार हो गया तो मेयर बलकार सिंह संधू, सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा व अन्य पार्षद वहां पहुंचे। उन्होंने उस हिस्से पर भी ट्रैफिक शुरू करवा दिया। उस दिन कोई रिबन नहीं काटा गया और सामान्य तरीके से ट्रैफिक की आवाजाही शुरू की गई। दो दिन बाद ही कंपनी ने डिवाइडर बनाकर काम पूरा किया तो एनएचएआइ ने मेयर व अन्यों को बुलाया और फिर उनसे रिबन कटवाकर फ्लाईओवर का उद्घाटन करवा दिया।
इनको भूल गए कांग्रेसी
पिछले साल राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोते जाने के बाद पूरे शहर में बड़ा विवाद हो गया था। सांसद से लेकर विधायक व मेयर सभी वहां पहुंच गए थे। हाल ही में राजीव गांधी का शहीदी दिवस था लेकिन उस दिन वहां पर कोई बड़े कांग्रेस नेता नहीं दिखे। कुछ छोटे-मोटे नेताओं ने वहां जाकर श्रद्धांजलि दी और फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। खुद को शहर के बड़े कांग्रेस नेता बताने वाले नेताओं ने घर पर ही राजीव गांधी की फोटो पर फूल चढ़ाकर प्रेस नोट जारी किए। दूसरी तरफ, अकसर सुर्खियों में रहने वाले सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, मंत्री भारत भूषण आशु समेत विधायक उन्हें श्रद्धांजलि देने नहीं गए। इन नेताओं के फोटो न तो सोशल मीडिया पर दिखे और न ही किसी ने प्रेस नोट जारी किया। नहीं तो ये नेता हर छोटे-छोटे कार्यों के लिए डीपीआरओ के जरिए प्रेस नोट जारी करवाते रहते हैं।