देशव्यापी तालाबंदी से थमी रेल व हवाई यात्रा के आम लोगों के लिये खुलने से जहां देश के विभिन्न कोनों में फंसे लाखों लोगों के लिए अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने का रास्ता साफ हुआ है, वहीं जरूरी है कि सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने की प्राथमिकता भी सुनिश्चित हो। हालांकि, इससे पहले पंद्रह शहरों को जोड़ने वाली वातानुकूलित ट्रेन तथा प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में चलायी गई थीं, लेकिन आम लोगों का रेल से सफर का इंतजार खत्म नहीं हुआ था। बहरहाल, अब एक जून से दो सौ गैर-वातानुकूलित ट्रेनें देशभर में चलायी जाएंगी। उन लोगों के लिए यह खबर सुकून देने वाली है, जो महीनों से अपनों से दूर फंसे हुए हैं, जिनमें छात्र, कर्मचारी, श्रमिक, कारोबारियों समेत विभिन्न कामकाजी लोग शामिल हैं। हालांकि, यात्रा की चुनौतियां अभी कम नहीं हुई हैं, खासकर उन श्रमिक व आम लोगों की, जो ऑनलाइन टिकट बुकिंग नहीं करा सकते। हालांकि, अब रेलवे ने काउंटर व एजेंटों के द्वारा टिकट बेचने की अनुमति भी दे दी है। बहरहाल, अभी ट्रेनों के सामान्य परिचालन में वक्त लगेगा। तालाबंदी से पहले देश में प्रतिदिन तेरह हजार ट्रेनों का परिचालन जारी था और करीब 2.3 करोड़ यात्री सफर करते थे। आज भी रेलवे भारतीय परिवहनतंत्र की रीढ़ है तभी तो शुक्रवार को सिर्फ दो घंटे में चार लाख टिकट बिक गये। रेलवे के कर्मचारियों के अलावा आज भी देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिनकी जीविका पटरियों के इर्द-गिर्द की गतिविधियों पर निर्भर रहती है। उनके लिए भी रेलवे का परिचालन नई उम्मीद है। अभी कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हुआ है, ऐसे में यदि सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सुरक्षा उपायों में चूक होती है तो तालाबंदी व संयम से हासिल को हम गंवा सकते हैं। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा के साथ सफर करे। यात्री जितना सभ्य व्यवहार करेंगे, सामान्य रेल सेवा की बहाली उतनी ही जल्दी होगी।
नि:संदेह, 25 मई से घरेलू हवाई सेवा का आरंभ होना यात्रियों की सुविधा और कारोबारी नजरिये से सुखद ही है। दो माह बाद शुरू हो रही घरेलू उड़ान को लेकर असमंजस बना हुआ था, चौथे लॉकडाउन में इसे खोलने का जिक्र नहीं था। यहां तक कि प्रधानमंत्री से हुई बातचीत में कई राज्यों ने हवाई सेवा शुरू किये जाने का विरोध किया था। लेकिन यह अच्छी बात है कि नागर विमानन मंत्रालय ने घरेलू यात्री उड़ानों को आंशिक रूप से शुरू करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने उड़ान के दौरान यात्रियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। हालांकि अभी कई तरह की आशंकाएं बरकरार हैं कि कोविड-19 संकट के रहते हुए सफर कैसे निरापद बनाया जाये। सरकार ने खास हिदायतों व नियमों के साथ सफर तय करने के निर्देश दिये हैं, जिनका पालन करना हर यात्री का खुद के लिए और विमान में सफर कर रहे अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। यह कदम यात्रियों की सुविधा के साथ ही कारोबारी गतिविधियों को गति देने के लिहाज से भी आवश्यक है। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे घरेलू विमानन उद्योग के लिए भी यह आंशिक राहत देने वाला है। एक भारतीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्तवर्ष में इस उद्योग को पच्चीस हजार करोड़ का घाटा उठाना पड़ेगा। बहरहाल, लॉकडाउन के बाद उपजी परिस्थितियों के बाद चीजों को पटरी पर लाने के लिए विमानन सेवा शुरू होना राहतकारी है। कोरोना काल में उन यात्रियों के लिए भी यह राहतभरी खबर है जो लंबी दूरी का सुरक्षित सफर पूरा करना चाहते हैं। फिर भी विमानन उद्योग को यात्रियों को हवाई अड्डों तक लाने और यात्रा के प्रति भरोसा जगाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। बहरहाल, हवाई सेवा शुरू होने से जहां विमानन कंपनियों को राहत मिलेगी, वहीं उन कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली होगी, जिनकी नौकरियों पर संकट मंडरा रहा था। -अनूप