Punjab

आर्थिक राजधानी लुधियाना के उद्योग पटरी पर नहीं लौटा

विकास कुमार की रिपोर्ट

लुधियाना : प्रदेश के बाद अब केंद्र सरकार ने कुछ शर्तो के साथ 15 प्रकार के उद्योगों को चलाने की मंजूरी दे दी है। मगर, शर्ते कठोर होने और उद्योगों की इसे लेकर तैयारी न होने के चलते पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना के उद्योग पटरी पर नहीं लौट पा रहे। प्रदेश एवं जिला प्रशासन की ओर से उद्योगों को खोलने को जो शर्ते बताई गई हैं। इनमें वर्कर के फैक्ट्री में ही रहने का इंतजाम, और खाने-पीने सहित उनके मेडिकल चेकअप की व्यवस्था करना शामिल है। इसमें सबसे बड़ी समस्या लेबर को फैक्ट्री में ही रखने को लेकर है। जिसके बारे में उद्यमी खुद को असमर्थ बता रहे हैं। ऐसे में खानपान और मेडिकल को छोड़कर कोई भी यूनिट लेबर के फैक्ट्री में ही रहने के बारे में आगे नहीं आई है।

केंद्र सरकार ने जिन उद्योगों को अनुमति दी है उनमें ऑप्टिक फाइबर केबल, कंप्रेसर एंड कंडेंसर इकाइयां, इस्पात और फेरस एलॉय मिल, पावरलूम, पल्प और कागज इकाइयां, उर्वरक, पेंट, प्लास्टिक, वाहन इकाइयां, रत्न एवं आभूषण तथा सेज एवं निर्यात से जुड़ी कंपनिया, ट्रांसफॉर्मर एवं सर्किट व्हीकल, टेलीकॉम इक्विपमेंट व कंपोनेंट और खाद्य एवं पेय पदार्थो से जुड़े उद्योग भी काम कर सकेंगे। फीको प्रधान गुरमीत कुलार ने कहा कि हम फैक्ट्री चलाना चाहते हैं। मगर, नियम कठिन है और इसे लेकर इंडस्ट्री अभी तैयार नहीं है। नियमों को थोड़ा सरल करना चाहिए। यूसीपीएमए के प्रधान डीएस चावला ने कहा कि इस समय न तो रॉ मटीरियल है और न सप्लाई चेन, ऐसे में इंडस्ट्री चला पाना मुमकिन नहीं है।

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