Punjab

परिजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने की बजाय सतलुज या व्यास नदियों में की

विकास की रिपोर्ट

लुधियाना  : कोरोना संक्रमण के चल रहे खौफनाक दौर में लुधियाना के 50 से अधिक परिवारों नें अपने परिजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने की बजाय सतलुज या व्यास नदियों में की। इसका मुख्य कारण सुरक्षा के कारण सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त होने और यातायात प्रभावित होने के कारण होना बताया जा रहा है। लुधियाना के लोग विशेष कर हिंदू अपने परिजनों की अस्थियां हरिद्वार ले जाकर गंगा में प्रवाहित करते थे। अब वे इसकी बजाय यहां से 15 किलोमीटर दूर सतलुज नदी किनारे (फिल्लौर साइड) शहीदी घाट पर विसर्जित करने लगे हैं। गत दिविस लुधियाना के दो प्रमुख उद्योगपतियों सर्वश्री राजकुमार सोनी और रिशी चौधरी के परिवार के सदस्यों को भी मजबूरन ऐसा ही करना पड़ा। माना जाता है कि पतित पावनी गंगा में अस्थियां प्रवाहित होने से दिवंगत आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है।

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